Huawei सहित 4 चाइनीज कंपनियां कर रही भारत की जासूसी! कुंडली खंगालने में जुटी सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jul, 2020 01:14 PM

4 chinese companies including huawei are spying on india

भारत सरकार ने भारत में काम कर रही 4 ऐसी चाइनीज कंपनियों की पहचान की है जो चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ((PLA) से संबंध रखती हैं। सरकार इन तमाम चीनी कंपनियों पर पैनी नजर रखने के साथ इनकी कुंडली खंगालने में जुटी है।

बिजनेस डेस्कः भारत सरकार ने भारत में काम कर रही 4 ऐसी चाइनीज कंपनियों की पहचान की है जो चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से संबंध रखती हैं। सरकार इन तमाम चीनी कंपनियों पर पैनी नजर रखने के साथ इनकी कुंडली खंगालने में जुटी है। जरूरत पड़ने पर इन कंपनियों की जांच भी की जा सकती है। इस तरह की खबर है कि ये चाइनीज कंपनियां चीन की सरकार को दूसरे देशों के बारे में संवेदनशील सूचनाएं देती हैं।

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक चीन की जिन कंपनियों पर भारत सरकार की खास नजर है उनमें कर्नाटक में काम कर रही शिंडिया स्टील लिमिटेड (Xindia Steels Limited), छत्तीसगढ़ स्थित शिनजिंग कैथे इंटरनेशन ग्रुप (Xinxing Cathay International Group), चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉरपोरेशन (China Electronics Technology Group Corporation और हुआवे (Huawei) शामिल हैं।

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वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, चीन ने जून, 2017 में एक कानून बनाया था जिसके तहत चीनी सेना किसी भी संदिग्ध की निगरानी कर सकती है, उनके ठिकानों पर छापेमारी कर सकती और उनके उपकरणों व गाडि़यों को जब्त कर सकती है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कानून के तहत हुआवे, जेडटीई, टिक टॉक जैसी चीनी कंपनियों का सहयोग वांछित हो जाता है। दुनिया के किसी भी कोने में काम करने वाली ये चीनी कंपनियां चीन के राष्ट्रीय इंटेलिजेंस में अपना सहयोग देती है। बदले में चीन की सरकार उन्हें अपनी सुरक्षा और समर्थन देती है। अलीबाबा व टेंसेंट चीन की कंपनी अलीबाबा और टेंसेंट ने भारत की कई स्टार्टअप्स कंपनियों में अपना निवेश किया है, लेकिन दोनों ही कंपनियां चीनी सेना के एआई प्रोग्राम से जुड़ी है और चीन की राष्ट्रीय एआई टीम का हिस्सा है।

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पेटीएम, पेटीएम मॉल, जोमैटो, बिगबास्केट, स्नैपडील और एक्सप्रेसबीज जैसी स्टार्टअप्स कंपनियों में अलीबाबा के निवेश है। चीनी सेना की पहल के तहत एआई विकसित करने का काम करने वाली चीनी कंपनी टेंसेंट का सबसे पहला 40 करोड़ डॉलर का बड़ा निवेश ओला कैब्स में रहा। इसके बाद कंपनी फ्लिपकार्ट में 70 करोड़ डॉलर, हाइक मैसेंजर में 17.5 अरब डॉलर, प्रैक्टो में 9 करोड़ डॉलर, स्विगी में एक अरब डॉलर, बाइजू में 1.14 करोड़ डॉलर का निवेश करती चली गई।

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