54 महीनों के बाद देश की एयर ट्रैवल ग्रोथ रुकी!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Apr, 2019 11:23 AM

after 54 months the country s air travel growth stops

भारत का घरेलू एयर ट्रैवल की ग्रोथ 52 महीनों तक दहाई और फिर 2 महीने तक इकाई अंक में बढ़ने के बाद अब फ्लैट रही है। मार्च 2019 में देश में 1,15,96,000 घरेलू यात्रियों ने सफर किया जो कि पिछले साल

नई दिल्लीः भारत का घरेलू एयर ट्रैवल की ग्रोथ 52 महीनों तक दहाई और फिर 2 महीने तक इकाई अंक में बढ़ने के बाद अब फ्लैट रही है। मार्च 2019 में देश में 1,15,96,000 घरेलू यात्रियों ने सफर किया जो कि पिछले साल इसी महीने सफर करने वाले 1,15,80,000 यात्रियों की तुलना में सिर्फ 0.1 प्रतिशत ज्यादा है। ऐसा देश में प्लेन के अचानक बंद हो जाने के चलते हुआ है। 13 मार्च को स्पाइस जेट ने 13 बोइंग 737 मैक्स विमान बंद कर दिए थे। इसी महीने जेट एयरवेज को अपने 35 विमान बंद करने पड़े थे। 

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हवाई किराए में हुई बढ़ौतरी
सभी घरेलू हवाई यात्रियों में से एक तिहाई हवाई यात्रियों ने कम दाम वाली कैरियर्स से यात्रा की। हालांकि, इस साल मार्च में भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में पहली बार 76.9 प्रतिशत घरेल यात्रियों ने बजट एयरलाइंस में सफर किया। बाकी के 23.1 प्रतिशत यात्रियों ने एयर इंडिया, जेट और विस्तारा के साथ सफर किया। फ्लाट्स की घटती क्षमता के चलते हवाई किराए बढ़े और इसके चलते कम लोगों ने हवाई यात्रा का विकल्प चुना। कैंसलेशन की बात करें तो मार्च 2019 के डीजीसीए डेटा से पता चलता है 2.7 लाख घरेलू यात्रियों ने अपनी फ्लाइट्स छोड़ दीं। 

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जिन यात्रियों की फ्लाइट्स सबसे ज्यादा कैंसल हुईं उनमें स्पाइस जेट (2.3 लाख यात्री) और जेट एयरवेज (26,185 यात्री) शामिल हैं। फ्लाइट्स रद्द होने का परिणाम यह हुआ कि कम लोगों ने हवाई सफर का विकल्प चुना। पिछले 5 सालों में भारतीय एविएशन इंडस्ट्री ने ऐसी ग्रोथ का सामना किया। 2018 की शुरुआत में तेल की कीमतें कम हुई थीं और एयरलाइंस ने किराया घटाते हुए हवाई सफर को ज्यादा किफायती बनाया था। 

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ग्रोथ में आई गिरावट
अक्टूबर 2018 एविएशन इंडस्ट्री के लिए लगातार ऐसा 50वां महीना रहा था जबकि ग्रोथ दोहरे अंकों में देखी गई थी। इन महीनों में सबसे ज्यादा ग्रोथ करीब 30 प्रतिशत 2015-16 के कुछ महीनों में हुई लेकिन पिछले कुछ महीनों में देखा गया है कि जेट फ्यूल की महंगाई, रुपए में गिरावट और कम क्षमता जैसे कई कारणों के चलते एयरलाइंस किराया बढ़ा रही हैं। इसके चलते ही ग्रोथ रेट में गिरावट हो रही है लेकिन फिर भी इसने एक संतोषजनकल स्तर कायम रखा था। 

दिसंबर 2018 आखिरी महीना था जबकि यह ग्रोथ दहाई के अंकों में रही। इस महीने में कुल 1.3 करोड़ घरेलू यात्रियों ने हवाई सफर किया जो पिछले साल 2018 की तुलना में 12.9 प्रतिशत ज्यादा था। जनवरी और फरवरी में, घरेलू ग्रोथ रेट क्रमशः 9.1 प्रतिशत और 5.6 प्रतिशत रही। लेकिन बोइंग 737 मैक्स के बंद होने और जेट संकट ने ग्रोथ को पूरी तरह रोक दिया है। दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन मार्केट के लिए पिछला काफी समय ग्रोथ के लिहाज से बेहतर साबित हुआ था। 

जेट के बंद होने से बड़ी और मुश्कलें
अब जबकि जेट बंद हो चुकी है और इसके दोबारा चालू होने की उम्मीद इसकी बिक्री प्रक्रिया पर निर्भर है। सरकार दूसरी एयरलाइंस से अपने एयरक्राफ्ट की आवाजाही बढ़ाने को कह रही है ताकि जेट एयरवेज के बंद होने से खाली हुए गैप को भरा जा सके। एयरलाइन अधिकारियों ने चेतावनी दी थी, 'पूरी तरह से चोक रहने वाले दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू एयरपोर्ट पर अचानक स्लॉट उपलब्ध होने से अब हम और प्लेन अपने बेड़े में शामिल करेंगे। तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल और एक डॉलर की कीमत 70 रुपए तक आने से चिंता की लकीरें और गहरी हो गईं हैं। आने वाली सरकार को जेट फ्यूल पर लगने वाले टैक्स पर पुर्नविचार करना चाहिए क्योंकि दुनियाभर की तुलना में देश में घरेलू फ्लाइट्स के लिए ईंधन की कीमतें सबसे ज्यादा महंगी हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में कई और किंगफिशर और जेट एयरवेज देखने को मिल सकती हैं।' 

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