Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jan, 2020 11:43 AM
किसान को फसल नुक्सान के बाद भी भुगतान में देरी को लेकर बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कम्पनी ऑफ इंडिया के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगा दिया। फोरम ने बीमा कम्पनी को मुकद्दमा खर्च के साथ मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति राशि...
सतनाः किसान को फसल नुक्सान के बाद भी भुगतान में देरी को लेकर बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कम्पनी ऑफ इंडिया के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगा दिया। फोरम ने बीमा कम्पनी को मुकद्दमा खर्च के साथ मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति राशि भुगतान करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
मैहर के ग्राम घोरबाई की रहने वाली कृषक ललती बाई पत्नी पुरुषोत्तम पटेल ने उपभोक्ता फोरम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टेशन रोड मैहर और प्रबंधक एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था। उनका आरोप था कि खेत में फसल बोने के बाद 15 से 19 अगस्त 2016 तक ओलावृष्टि और जल भराव के कारण उसकी 2.462 हैक्टेयर में बोई धान, उड़द और मूंग की फसल डूबकर नष्ट हो गई। इससे परिवादी को 2 लाख रुपए की क्षति हुई। इसकी सूचना उसने एस.डी.एम. को दी। पटवारी ने जांच रिपोर्ट में ओलावृष्टि से 75 प्रतिशत धान की फसल नष्ट होने का प्रतिवेदन दिया जबकि उसके द्वारा बोई गई धान शत-प्रतिशत नष्ट हो गई थी। परिवादी ने 26 सितम्बर 2016 को फसल बीमा दावा कम्पनी के समक्ष धान की फसल नष्ट होने की क्षतिपूर्ति के लिए प्रस्तुत किया था लेकिन इंश्योरैंस कम्पनी द्वारा न तो क्षतिपूर्ति राशि दी गई और न ही मामले का निराकरण किया गया।
यह कहा फोरम ने
फोरम अध्यक्ष बी.एल. वर्मा, सदस्य डॉ. राकेश मिश्रा व सदस्य सावित्री सिंह ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रबंधक को एक माह के अंदर परिवादी को फसल बीमा का भुगतान करने के आदेश दिए। फोरम ने मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति बतौर 5,000 रुपए और परिवाद खर्च 2,000 रुपए देने का भी आदेश दिया। भुगतान में देरी होने पर 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा।