Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jun, 2018 07:18 PM
एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के अध्यक्ष जिन लिक्यून ने विकसित देशों की संरक्षणवाद को बढ़ावा देने की नीतियों पर आज चिंता जताई और कहा कि इस तरह के कदमों से उनके समेत सभी देशों के लिए संभावनाएं धूमिल होती हैं।
बिजनेस डेस्कः एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के अध्यक्ष जिन लिक्यून ने विकसित देशों की संरक्षणवाद को बढ़ावा देने की नीतियों पर आज चिंता जताई और कहा कि इस तरह के कदमों से उनके समेत सभी देशों के लिए संभावनाएं धूमिल होती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि वैश्वीकरण पर खतरा है, सरकारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे यह सुनिश्चत करें कि व्यापार के लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे इससे हारने वाले देश विजेता बन सकते हैं।
एआईआईबी बोर्ड के गवर्नरों की तीसरी सालाना बैठक में जिन ने कहा, 'दुर्भाग्यवश कुछ देशों द्वारा अपनाया जा रहा संरक्षणवाद उनके खुद के साथ साथ बाकी देशों की संभावानाएं भी धुमिल कर सकता है।' उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर तनाव बढ़ रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि विकसित देशों को संरक्षणवाद से बचना चाहिए और अपने बाजारों को खुले रहने देना चाहिए तथा विकासशील देशों को भी अपने बाजारों को खोलना जारी रखना चाहिए।
जिन ने कहा, 'हमें उन चीजों को बचाना चाहिए जिनसे व्यापक स्तर पर लाभ होता है। हमें उन प्रणालियों को नई ताकत देनी चाहिए जो 21वीं सदी की यात्रा में हो सकता हो कमजोर पड़ रही हों। यह शदी एशियाई सदी है।' उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक संस्थानों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। यदि विकासशील देशओं में वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी है तो उन्हें बहुपक्षीय संस्थानों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। जिन ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक निवेश की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिना जरूरी आर्थिक बुनियादी ढांचे के अर्थव्यवस्थाएं आगे नहीं बढ़ सकती और लोग अपनी क्षमता तक नहीं पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि एआईआईबी सदस्य-देश क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे और व्यापार व्यवस्थाओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वन बेल्ट वन रोड पहल (ओबोर) भी इसी तरह की एक व्यवस्था है।