हवाई यात्रियों के अधिकार वाला चार्टर लागू

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Feb, 2019 01:35 PM

air traveler charter applicable

हवाई यात्रियों के अधिकारों की गारंटी देना वाला ‘यात्री चार्टर’ लंबे इंतजार के बाद लागू हो गया है। देश में यह पहला मौका है जब हवाई यात्रियों के लिए चार्टर लागू किया गया है। इसमें उड़ानों में दरी, उड़ानों के रद्द होने, बोर्डिंग से मना करने,

नई दिल्लीः हवाई यात्रियों के अधिकारों की गारंटी देना वाला ‘यात्री चार्टर’ लंबे इंतजार के बाद लागू हो गया है। देश में यह पहला मौका है जब हवाई यात्रियों के लिए चार्टर लागू किया गया है। इसमें उड़ानों में दरी, उड़ानों के रद्द होने, बोर्डिंग से मना करने, उड़ानों के अन्यत्र भेजे जाने, यात्री द्वारा टिकट रद्द कराने, नाम में संशोधन, चिकित्सा आपात स्थिति तथा यात्री का सामान खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यात्रियों के क्या अधिकार हैं और उन्हें कितना हर्जाना मिलेगा यह अब तय कर दिया गया है।  

नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को एक कार्यक्रम में इस चार्टर की पुस्तिका का लोकार्पण किया। इसमें पहली बार बैगेज को नुकसान या उसके खोने पर हर्जाने का प्रावधान किया गया है। विमान सेवा कंपनी को अधिकतम 20 हजार रुपए तक हर्जाना देना होगा। कोर्गो के खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में अधिकतम 350 रुपए प्रति किलोग्राम का हर्जाना देय होगा। यह भी प्रावधान किया गया है कि टिकट बुक कराने के 24 घंटे के भीतर नाम में संशोधन के लिए विमान सेवा कंपनी कोई शुल्क नहीं ले सकती। 

चार्टर में कहा गया है कि उड़ान में छह घंटे तक की देरी होने से यात्रियों को नि:शुल्क जलपान देना होगा। छह घंटे से ज्यादा की देरी होने पर यदि छह घंटे से पहले वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध नहीं कराई गई तो टिकट की पूरी कीमत वापस करनी होगी। उड़ान रद्द करने की स्थिति में यदि दो सप्ताह पहले से 24 घंटे पहले तक जानकारी दी जाती है तो विमान सेवा कंपनी को वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध करानी होगी। यात्री को 24 घंटे पहले तक जानकारी नहीं देने या कनेक्टिंग उड़ान छूट जाने पर एयरलाइन यात्री को स्वीकार्य वैक्लपिक उड़ान में सीट देगा या फिर पूरा पैसा वापस करने के साथ 10 हजार रुपए तक का हर्जाना देगा।

बोर्डिंग से मना करने पर यदि एयरलाइन एक घंटे के भीतर दूसरी उड़ान मुहैया नहीं कराता तो उसे पूरा पैसा वापस करने के साथ अधिकतम 20 हजार रुपए तक का हर्जाना देना होगा। यात्री द्वारा टिकट रद्द कराने की स्थिति में विमान सेवा कंपनी कोई इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकती। उसे सभी शुल्क तथा कर वापस करने होंगे और रिफंड की राशि ‘क्रेडिट शेल’ में वापस करने का विकल्प चुनने का अधिकार यात्री के पास होगा।  


 

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