नोटबंदी से 15,496 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ: CBDT

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 06:58 PM

announcement of unclaimed income of rs  15 496 crores by note closure  cbdt

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) ने आज कहा कि नोटबंदी का मुख्य उद्देश्य कालेधन को बाहर निकालने

नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) ने आज कहा कि नोटबंदी का मुख्य उद्देश्य कालेधन को बाहर निकालने के साथ ही अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाकर कर आधार बढ़ाना था और यह अपने उद्देश्य में सफल रही है।  सी.बी.डी.टी. ने यहां जारी बयान में कहा कि नोटबंदी के साथ कालेधन के विरूद्ध लड़ाई शुरू की गई और नोटबंदी से न सिर्फ कालेधन पर प्रहार हुआ है बल्कि इससे कर आधार और प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी बढौतरी हुई है। 

बयान में कहा गया है कि नोटबंदी के आंकड़ों के आधार पर सतर्कता कार्रवाई में कई गुना की बढौतरी हुई है। नोटबंदी से पहले 447 स्थानों पर तलाशी ली गई थी और उसके बाद यह संख्या 158 प्रतिशत बढ़कर 1152 हो गई। इसी तरह से जब्ती की कार्रवाई भी की गई और पहले 712 करोड़ रुपए जब्त हुए थे, जो बढ़कर 1,469 करोड़ रुपए हो गई। इसके अतिरिक्त अघोषित आय के खुलासे में भी 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई और पहले 11,226 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया गया था जो बढ़कर 15,496 करोड़ रुपए हो गया।

कालेधन को लेकर सर्वेक्षण में भी 183 प्रतिशत की बढौतरी दर्ज की गई है। सी.बी.डी.टी. के अनुसार नोटबंदी से कर आधार बढ़ाने में मदद मिली है। 5 अगस्त 2017 तक 2.79 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न भरा जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 2.22 करोड़ रहा था। इस तरह से इसमें 57 लाख अर्थात 25.3 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। वर्ष 2016-17 के लिए 30 जून 2017 तक 1.26 करोड़ नए करदाता जुड़े हैं। इसके साथ ही प्रत्यक्ष कर संग्रह पर भी नोटबंदी का स्पष्ट असर दिख रहा है। 5 अगस्त तक जमा प्रत्यक्ष कर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 41.79 प्रतिशत बढ़ा है।
 

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