Edited By ,Updated: 08 Mar, 2015 12:55 PM
यूरिया आयात वित्त वर्ष 2014-15 की अप्रैल से फरवरी की अवधि में 13 प्रतिशत बढ़कर 78.43 लाख टन हो गया।
नई दिल्ली: यूरिया आयात वित्त वर्ष 2014-15 की अप्रैल से फरवरी की अवधि में 13 प्रतिशत बढ़कर 78.43 लाख टन हो गया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यूरिया आयात अप्रैल-फरवरी 2013-14 की अवधि में 69.27 लाख टन था जो पिछले पूरे वित्त वर्ष के दौरान 70.88 लाख टन था। यूरिया घरेलू उत्पादन में कमी की भरपाई के लिए सरकार की ओर से 3 सार्वजनिक व्यापार उपक्रमों (एसटीई) इंडिया पोटाश लिमिटेड, एमएमटीसी और एसटीसी के जरिए आयात किया जाता है।
देश में सालाना करीब 2.2 करोड़ टन यूरिया का उत्पादन होता है जबकि घरेलू मांग 3 करोड़ टन की है। इन 3 सार्वजनिक व्यापार उपक्रमों के अलावा सरकार उठाव समझौते के साथ ओमिफको के जरिए भी यूरिया का आयात करती है जो इफको और कृभको का संयुक्त उद्यम है। सूत्रों के मुताबिक तीनों सार्वजनिक उपक्रमों के जरिए आयातित उर्वरक की औसत कीमत करीब 300 डॉलर प्रति टन रही है जो पिछले साल के औसतन मूल्य करीब 322 डॉलर प्रति टन से कम है। देश में किसानों को यूरिया 5,360 रुपए प्रति टन की सब्सिडीशुदा अधिकतम खुदरा मूल्य पर प्रदान किया जाता। उत्पादन लागत और यूरिया के अधिकतम खुदरा मूल्य के बीच का फर्क विनिर्माताओं को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।