Edited By ,Updated: 12 Jul, 2015 12:04 PM
नेस्ले इंडिया ने फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) द्घारा मैगी नूडल्स पर 5 जून को प्रतिबंध लगाने को लेकर निशाना साधा है।
मुंबई: नेस्ले इंडिया ने फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) द्घारा मैगी नूडल्स पर 5 जून को प्रतिबंध लगाने को लेकर निशाना साधा है। नेस्ले का कहना है कि जिन लैबरेटरीज में नूडल के नमूनों का परीक्षण कर कहा गया था कि इसमें लीड की मात्रा बहुत ही ज्यादा है, वे लैब मान्यता प्राप्त नहीं हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही नेस्ले ने देश में आनन-फानन में मैगी पर पाबंदी लगाने पर भी सवाल खड़े किए हैं।
कंपनी ने एफएसएसएआई द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल किए गए शपथ पत्र के जवाब में जो याचिका दाखिल की है उसमें सरकारी लैब के परीक्षण परिणामों की वैधता पर आक्रमण करते हुए कहा है कि मैगी नूडल्स के सभी नौ वैरियंट्स पर 5 जून को प्रतिबंध लगाने से पहले एफएसएसएआई और इसके सीईओ ने गलत तरीके से अपने शपथपत्र में दावा किया कि विश्लेषण रिपोर्ट उन विश्लेषण पर आधारित है जो मान्यता प्राप्त और अधिसूचित लैब में किया गया है।
नेस्ले ने कहा, नमूना इकट्ठा करने के लिए जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया वे सभी भी लेड के संभावित स्रोत थे। फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडड्र्स ऐक्ट, 2006 के खुद के नियम के अनुसार लैब को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होना चाहिए। नेस्ले ने कहा कि जिन 90 सैंप्लों को इसने अपने और विदेश स्थित लैब में परीक्षण किया है, उसमें लेड की मात्रा सिर्फ 0.016 पीपीएम से 0.074 पीपीएम पाई गई है। इसने कहा, यूके, कनाडा और सिंगापुर में मैगी नूडल्स को सुरक्षित पाया गया है।