GST का मॉडल तैयार करने में अटल बिहारी वाजपेयी का था अहम रोल

Edited By Supreet Kaur,Updated: 17 Aug, 2018 09:55 AM

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मोदी सरकार ने पिछले साल भारत में जब गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू किया तो इसे आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार करार दिया गया। लेकिन इसकी नींव 19 साल पहले तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में ही रख दी थी।

बिजनेस डेस्कः मोदी सरकार ने पिछले साल भारत में जब गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू किया तो इसे आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार करार दिया गया। लेकिन इसकी नींव 19 साल पहले तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में ही रख दी थी।

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यशवंत सिन्हा को सौंपा गया था काम
जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तब साल 2003 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की पहल पर केंद्र सरकार को सर्विस टैक्स लगाने का अधिकार देने के लिए संविधान में संशोधन किया गया था। वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने सलाहकार और पूर्व वित्त सचिव विजय केलकर को फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी और बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) एक्ट को लागू करने का जिम्मा सौंपा। इस टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में विदेशों में अपनाए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पर पेश की। इस रिपोर्ट में राज्यों के लिए 7 फीसदी और केंद्र के लिए 5 फीसदी टैक्स की दरें तय की गई थी।

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2013-14 में पेश किया गया था बिल
2013-14 में यूपीए सरकार विधेयक को संसद से पास कराने में विफल रही। जीएसटी बिल लैप्स कर गया। हालांकि, तब की यूपीए सरकार ने हार नहीं मानी। नई टैक्स व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्सेशन नेटवर्क (जीएसटीएन) को प्रमोट करने के लिए इंफोसिस के पूर्व सीइओ नंदन निलेकणि की अगुवाई में एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने सभी हिस्सेदारों को जीएसटी के फायदे बताए और इसे लागू करने की अपील की।

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पूरा हुआ अटल जी का सपना 
पिछले दिनों संसद में अरुण जेटली ने भी संसद में भाषण देते हुए कहा था कि जीएसटी के जरिए अटल जी का सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा था कि इसका खाका अटल जी ने ही तैयार किया था, लेकिन 2004 में सरकार बदलने के बाद जीएसटी लागू करने की योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। 

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