बैंक ऑफ राजस्थान के भेदिया कारोबार मामले में पांच इकाइयों पर तीन करोड़ रुपए का जुर्माना

Edited By Updated: 31 May, 2020 04:17 PM

bank of rajasthan fined rs 3 crore on five units for insider trading case

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बैंक ऑफ राजस्थान के पूर्व प्रवर्तकों समेत पांच इकाइयों पर कथित भेदिया कारोबार मामले में तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बैंक ऑफ राजस्थान के पूर्व प्रवर्तकों समेत पांच इकाइयों पर कथित भेदिया कारोबार मामले में तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बैंक ऑफ राजस्थान अब अस्तित्व में नहीं है। इसका 2010 में आईसीआईसीआई बैंक में विलय हो चुका है। 

सेबी ने बैंक के रोहित प्रेम कुमार गुप्ता, नवीन कुमार तायल, ज्योतिका संजय तायल, आणविक टेक्सटाइल एंड रीयलप्रो प्राइवेट लिमिटेड और कुलविंदर कुमार नैय्यर पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया। इन सभी को मिलाकर यह तीन करोड़ रुपए की राशि जमा करनी है। विलय से पहले बैंक ऑफ राजस्थान में तायल प्रमुख शेयरधारक थे। भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए सेबी ने सात मई 2010 से 18 मई 2010 के बीच बैंक ऑफ राजस्थान के शेयरों में कारोबार की जांच की। 

यह बैंक के आईसीआईसीआई बैंक में विलय के समझौते की घोषणा से पहले का महत्वपूर्ण समय था। अपनी जांच में सेबी ने पाया कि गुप्ता ने इस दौरान सार्वजनिक नहीं की गई संवेदनशील जानकारी के आधार पर बैंक के शेयरों में कारोबार किया। यह आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ राजस्थान के विलय की बातचीत के लिहाज से काफी अहम था। इसके लिए गुप्ता को आणिवक टेक्सटाइल ने राशि उपलब्ध कराई। आणविक टेक्सटाइल का नियंत्रण तायल के पास है। इस दौरान नैय्यर आणविक टेक्सटाइल के निदेशक थे और वह तायल के नियंत्रण वाली कई अन्य कंपनियों में भी कार्यवाहक निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे। इस मामले में संजय तायल की मृत्यु के चलते उनके खिलाफ सुनवाई अक्टूबर 2018 में बंद कर दी गई। 
 

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