Edited By Pardeep,Updated: 02 Sep, 2018 04:38 AM
बैंक अपने डिफॉल्टर को नोटिस भेजने के लिए व्हाट्सएप और ई-मेल का इस्तेमाल करने पर जोर दे रहे हैं। एच.डी.एफ.सी. बैंक अपने कर्जदारों और डिफॉल्टरों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। व्हाट्सएप के...
नई दिल्ली: बैंक अपने डिफॉल्टर को नोटिस भेजने के लिए व्हाट्सएप और ई-मेल का इस्तेमाल करने पर जोर दे रहे हैं। एच.डी.एफ.सी. बैंक अपने कर्जदारों और डिफॉल्टरों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश भेजने में समय नहीं लगता साथ ही इस बात की तुरंत पुष्टि हो जाती है कि ग्राहक को संदेश मिल गया है। अगर आपको व्हाट्सएप या ई-मेल पर बैंक से सम्मन मिलता है और आप उसे गंभीरता से नहीं लेते हैं तो कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। लोग अक्सर अपना पता बदलते रहते हैं लेकिन आम तौर पर फोन नंबर और ई-मेल आई.डी. नहीं बदलते। व्हाट्सएप पर अगर ब्लू टिक हो जाता है तो आप इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि मैसेज नहीं पढ़ा गया। हालांकि सैटिंग में ‘ब्लू टिक’ को बंद करके इससे बचा भी जा सकता है।
अधिकारियों के मुताबिक एच.डी.एफ.सी. ने पिछले 2 महीने में 214 लोगों को व्हाट्सएप और ई-मेल के माध्यम से सम्मन भेजा है। यह समन कोर्ट के जरिए तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, असम, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में भेजे गए हैं। इनमें से ज्यादातर चैक बाऊंस के केस हैं। बैंक के अधिकारियों का कहना है कि यह तरीका काफी उपयोगी है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई में देरी इसलिए होती थी क्योंकि ग्राहक सम्मन को प्राप्त करने से ही इंकार कर देते थे।