Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jul, 2019 11:03 AM
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश के प्रमुख 9 शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 11 प्रतिशत कम रही है। इस दौरान इन 9 शहरों में करीब 72,000 मकान ही बिके हैं। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश के प्रमुख 9 शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 11 प्रतिशत कम रही है। इस दौरान इन 9 शहरों में करीब 72,000 मकान ही बिके हैं। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। दरअसल खरीदार लोकसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे थे क्योंकि उन्हें आशंका थी कि अगर राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनी तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है यानी चुनावों ने मकान बिक्री की रफ्तार में ब्रेक लगाई थी।
प्रॉपर्टी ब्रोकरेज कम्पनी प्रॉपटाइगर ने एक रिपोर्ट में कहा है कि बजट में किफायती आवास के लिए अतिरिक्त कर राहत तथा केन्द्र सरकार में राजनीतिक स्थिरता के कारण आने वाले समय में मांग में तेजी देखने को मिल सकती है। यह रिपोर्ट 9 शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नोएडा और पुणे के आंकड़ों पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार नकदी संकट तथा चुनाव के कारण इन शहरों में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति 47 प्रतिशत गिरकर 37,852 इकाइयों पर आ गई है।
प्रॉपटाइगर, हाऊसिंग डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम के ग्रुप सी.ई.ओ. ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिक्री और पेशकश दोनों में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि आने वाले समय के लिए परिदृश्य सकारात्मक है। केन्द्र में स्थिर सरकार तथा बजट में आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की घोषणा उत्प्रेरक का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान तीनों पोर्टलों पर ट्रैफिक बढ़ा है। इससे पता चलता है कि लोग चुनाव के कारण रुककर स्थिति का आकलन कर रहे थे।