ब्रिक्स देशों ने दुनिया में संरक्षणवाद को लेकर उठी नई लहर का विरोध किया

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jun, 2018 03:22 PM

brics countries oppose the new wave of protectionism in the world

भारत और ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों ने कहा है कि वे ‘संरक्षणवाद के नए झोंके’ का विरोध करते हैं। इन देशों ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के खिलाफ कोई एकतरफा कार्रवाई वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए ठीक नहीं है।

बिजनेस डेस्कः भारत और ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों ने कहा है कि वे ‘संरक्षणवाद के नए झोंके’ का विरोध करते हैं। इन देशों ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के खिलाफ कोई एकतरफा कार्रवाई वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए ठीक नहीं है। दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के इस समूह का बयान ऐसे समय आया है जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों के स्टील और एल्यूमिनियम जैसे उत्पादों पर ऊंचा कर लगाने के अपने फैसलों से दुनिया में व्यापार युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दी है। ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज ने कल ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। वह दक्षिण अफ्रीका की 5 दिन की यात्रा पर हैं। बैठक के बाद जारी वक्तव्य में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने बहुपक्षीय एवं नियम आधारित व्यापार प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धा दोहराई। इन देशों ने कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूटीओ जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं तथा अंतराष्ट्रीय नियमों को केंद्र में रख कर चलने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने वैश्विक संचालन व्यवस्था को और अधिक प्रतिनिधित्वकारी बनाने के प्रयासों का समर्थन करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि वैश्विक मंचों पर निर्णयों में उभरते बाजारों और विकासशील देशों की भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए। इन देशों ने कहा है कि वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के कोटा की 15वीं सामान्य समीक्षा की प्रक्रिया और कोटा तय करने के नए फार्मूले की बात-चीत अगले साल गर्मियों तक पूरा करना चाहते हैं। ब्रिक्स देश मुद्राकोष में वोट के अपने अधिकार को बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि ब्रिक्स देश ‘‘आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक ठोस अंतर्राष्ट्रीय कानूनी आधार के साथ संयुक्तराष्ट्र के तत्वावधान में सम्मिलित प्रयास किए जाने का आग्रह करते हैं।’’ ब्रिक्स देशों का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ कारगर कार्रवाई के लिए एक व्यापक परिदृष्टिकोण जरूरी है। ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने कहा कि हर देश की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी सीमा के अंदर से आतंकवादियों के नेटवर्कों को धन पहुंचाए जाने और आतंकवादी कार्रवाई पर रोक लगाए। ब्रिक्स ने पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और तनाव, खास कर इस्रायल - फलस्तीन की स्थिति पर चिंता जताई।  

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