कार्बन के नैट जीरो उत्सर्जन पर ब्रिटेन का यू टर्न

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Sep, 2023 04:01 PM

britain s u turn on net zero carbon emissions

दुनिया भर में बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग के लिए पश्चिमी देशों द्वारा भारत को दोषी ठहराया जाता है और हमारी इंडस्ट्री से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को लेकर पश्चिमी जगत एशियाई देशों पर हावी रहता है, लेकिन यू.के. ने अब अर्थव्यवस्था में आ रही मंदी के कारण...

लंदन: दुनिया भर में बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग के लिए पश्चिमी देशों द्वारा भारत को दोषी ठहराया जाता है और हमारी इंडस्ट्री से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को लेकर पश्चिमी जगत एशियाई देशों पर हावी रहता है, लेकिन यू.के. ने अब अर्थव्यवस्था में आ रही मंदी के कारण कार्बन उत्सर्जन के अपनी नैट जीरो पालिसी में परिवर्तन करते हुए नैट जीरो के निर्धारित लक्ष्य को पांच साल आगे बढ़ा दिया है। दुनिया भर में होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन में 76 फीसदी हिस्सेदारी चीन, अमरीका और यूरोपीय यूनियन की है। 

दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रदूषण चीन की इंडस्ट्री द्वारा किया जाता है और कुल प्रदूषण में चीन की हिस्सेदारी 2022 में 32 प्रतिशत थी, जबकि अमरीका 14 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर था जबकि भारत की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है। यू.के. में होने वाले कुल औद्योगिक उत्पादन में 1990 में कार्बन उत्सर्जन की हिस्सेदारी 11.17 प्रतिशत थी, जो 2020 में बढ़कर 42.42 प्रतिशत हो गई। इतने कार्बन उत्सर्जन के बावजूद यू.के. ने अपने नैट जीरो के निर्धारित लक्ष्य को पांच साल बढ़ा दिया है। 

यू.के. के प्रधानमंत्री ऋषि सूनक ने कहा कि ब्रिटेन 2050 तक नैट जीरो कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन हम इसे थोड़ा धीमा करने जा रहे हैं क्योंकि इंगलैंड इस मामले में पहले ही कई देशों से आगे है। उन्होंने कहा कि उनसे पहले की सरकारों ने इस मामले में ब्रिटिश नागरिकों का हित सोचे बिना तेजी से फैसले लिए, लिहाजा हमें इन पर पुनः विचार करना पड़ रहा है। यदि हम इन नीतियों पर आगे बढ़ते हैं तो इससे जनता को नुक्सान हो सकता है क्योंकि उन्हें इसका नुक्सान होगा। उन्होंने कहा कि इस विषय में ईमानदारी से चर्चा नहीं हुई है और तत्काल प्रभाव से बड़ी-बड़ी बातें करके मीडिया की हैडलाइन तो बन सकती है लेकिन लंबी अवधि में इसका नुक्सान है। उन्होंने कहा कि नैट जीरो के लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार नए विंड फार्म और परमाणु बिजली घर बनाएगी और नई ग्रीन टैक्नोलोजी में निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1990 में यू.के. का कार्बन उत्सर्जन 46 प्रतिशत था, जिसमें अब कमी आई है। क्योंकि कोयले से बनने वाले बिजली के संयंत्र बंद कर दिए गए हैं। सरकार ने 1990 के मुकाबले 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 68 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा है, जबकि 2050 तक इसे जीरो कर दिया जाएगा। 

प्रधानमंत्री ऋषि सूनक द्वारा की गई घोषणा पर बोलते हुए फोर्ड यू.के. की चेयरपर्सन लीजा ब्रैंकिन ने कहा कि सरकार द्वारा की गई इस घोषणा का 2030 तक इलैक्ट्रानिक व्हीकल के लक्ष्य पर असर पड़ेगा। आटो सैक्टर सरकार से महत्वाकांक्षा, प्रतिबद्धता और निरंतरता की उम्मीद करता है लेकिन सरकार द्वारा की गई इस घोषणा से इन तीनों पर आघात लगा है। लंदन चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंसस्ट्री के सी.ई.ओ. रिचर्ड बर्ग ने कहा कि सरकार द्वारा अचानक इस विषय में यू टर्न लेने से हमारी विश्वसनीयता में गिरावट आई है और इससे लगता है कि हम ग्रीन एनर्जी क्रांति को आगे बढ़ा पाने में सक्षम नहीं है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि इस फैसले से देश में आने वाले निवेश की संभावना पर चोट पहुंचेगी लेकिन अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए वोटरों को लुभाने के लिए यह फैसला किया गया है क्योंकि ब्रिटेन की जनता पहले से ही महंगाई और अर्थव्यवस्था में गिरावट का असर झेल रही है।

ट्रांसपोर्ट, घरेलू और एनर्जी सैक्टर में नैट जीरो लक्ष्य बदला...

ट्रांसपोर्टेशन घरेलू एनर्जी
ब्रिटेन का कार्बन उत्सर्जन 34 प्रतिशत प्रस्तावित लक्ष्य ब्रिटेन के टोटल कार्बन उत्सर्जन का 17 प्रतिशत ब्रिटेन के कुल प्रदूषण का 25 फीसदी हिस्सा इसी से आता है।
पैट्रोल और डीजल कारों की बिक्री पर 2030 में प्रतिबंध प्रस्तावित लक्ष्य
इंडस्ट्री और घरों में ऊर्जा के इस्तेमाल में 2030 तक 15 प्रतिशत की कमी
ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्रयास
ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए जुलाई में नार्थ सी से आयल और गैस निकालने के लिए कई लाइसैंस दिए गए।
नया निर्धारित लक्ष्य
2035 तक की देरी
2035 से नए गैस ब्वायलर जारी करने और पुराने गैस ब्वायलर की रिप्लेस करने पर रोक लगाकर हीट पंप जारी करना जुलाई में यू.के. की विंड एनर्जी कैपेसिटी 14 गीगावाट थी, इसे बढ़ाकर 2030 तक 50 गीगावाट करने का लक्ष्य
इससे क्या होगा
110 मिलियन टन के सामान कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन होगा।
नया निर्धारित लक्ष्य
2035 तक देरी
सूनकः वित्त मंत्री और ऊर्जा मंत्री देश में ऊर्जा क्षेत्र के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए जल्द ही नए सुधारों की घोषणा करेंगे।
पैट्रोल डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध में देरी लगाने से आटो कंपनियों द्वारा नए इलैक्ट्रिक व्हीकल के यूनिट में होने वाला निवेश प्रभावित होगा। सूनकः यू.के. एनर्जी पर सबसिडी जारी रखेगा और किसी घरेलू उपभोक्ता को हीट पंप लगाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।  
सूनक ने क्या कहा
फिलहाल उपभोक्ता होने के नाते आप यह करिए। सरकार इस मामले में आपको बाध्य नहीं करेगी।
   

 

नैट जीरो पर 

सूनक ने कहा कि ब्रिटेन 2050 तक नैट जीरो ग्रीन हाऊस गैस उत्सर्जन करने के अपने लक्ष्य पर प्रतिबद्ध है लेकिन हम इसका तरीका बदलेंगे और किसी भी ब्रिटिश परिवार को इसका वित्तीय नुक्सान नहीं होने दिया जाएगा। 

यू.के. के लक्ष्यों में क्यों हो रहा है बदलाव?

दुनिया में ग्रीन इकोनामी बनाने के मामले में यू.के. कई देशों के मामले में बहुत आगे है, लेकिन यदि हम इस मामले में तेजी से चलते हैं तो इसमें ब्रिटिश नागरिकों की राय को अनदेखा करने का जोखिम भी शामिल हो जाएगा। 

ग्रीन एनर्जी के लक्ष्य हासिल करने के लिए ब्रिटेन के नागरिकों को दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा त्याग करने के लिए कहा जा रहा है, क्या यह सही होगा?
 

 

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