केयर्न एनर्जी ने भारत से मांगा 5.6 अरब डॉलर का मुआवजा

Edited By ,Updated: 12 Jul, 2016 05:23 PM

cairn energy seeks usd 5 6 bn compensation from india

ब्रिटेन की तेल खोज एवं उत्खननकर्ता कम्पनी केयर्न एनर्जी ने भारत में अपनी इकाई के खिलाफ पिछली तारीख से कर लगाने के नोटिस को लेकर भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर के मुआवजे की मांग की है

नई दिल्ली: ब्रिटेन की तेल खोज एवं उत्खननकर्ता कम्पनी केयर्न एनर्जी ने भारत में अपनी इकाई के खिलाफ पिछली तारीख से कर लगाने के नोटिस को लेकर भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर (करीब 37,400 करोड़ रुपए) के मुआवजे की मांग की है। कर विभाग की आेर से 29,047 करोड़ रुपए की यह मांग 10 साल पुराने मामले से संबंधत है। केयर्न उसे अंपने आंतरिक पुनर्गठन का मामला बताती है।   

 

एडिनबर्ग की कम्पनी 28 जून को एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थ निर्णय समिति के सामने रखे 160 पन्ने के ‘दावे के बयान’ में मांग की है कि भारत सरकार उसके खिलाफ कर का नोटिस वापस लेे। कम्पनी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ब्रिटेन के साथ अपनी निवेश संरक्षण संधि के तहत अपने यहां दूसरे पक्ष के निवेश के साथ ‘निष्पक्ष एवं न्यायोचित’ व्यवहार करने की अपनी जिम्मेदारियां निभाने में विफल रही है।  

 

कम्पनी ने कहा है कि भारत के आयकर विभाग द्वारा जनवरी 2014 में जारी नोटिस के कारण केयर्न इंडिया में बची उसकी 9.8 हिस्सेदारी का मूल्य गिर गया और उसे नुक्सान हुआ। इसके खिलाफ उसने 1.05 अरब डॉलर का मुआवजा मांगा है। केयर्न इंडिया पहले केयर्न एनर्जी की अनुषंगी थी पर अब कम्पनी वेदांता समूह के हाथ में चली गई है।  

 

केयर्न ने कहा है कि यदि पंचनिर्णय समिति यह निर्णय करती है कि वह भारत को इस गैरकानूनी कर नोटिस को लागू कराने से नहीं होकेगी तो उसे भारत ब्रिटेन द्विपक्षीय निवेश संरक्षण संधि के उल्लंघन के कारण केयर्न इंडिया में उसके बाकी बचे शेयरों के मूल्य में गिरावट से हुए नुक्सान, उस पर ब्याज ब्याज और जुर्माने के रूप में कुल 5.587 अरब डॉलर (37,400 करोड़ रुपए) का मुआवजा दिया जाए। कम्पनी ने जो कुल मुआवजा मांगा है वह केयर्न इंडिया में उसकी 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के मूल्य और नोटिस में मांगे गई कर की राशि के योग के बराबर है।

 

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