बीमारी छिपाने की बात कहकर नहीं दिया क्लेम, अब देना होगा हर्जाना

Edited By Isha,Updated: 06 Jan, 2019 10:24 AM

claiming to hide the disease did not give claim

बीमारी छिपाने की बात कह कर बीमा क्लेम देने से मना करने पर उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित को हर्जाने के तौर पर क्लेम राशि के 4 लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश एल.आई.सी. को दिया है।

कानपुर : बीमारी छिपाने की बात कह कर बीमा क्लेम देने से मना करने पर उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित को हर्जाने के तौर पर क्लेम राशि के 4 लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश एल.आई.सी. को दिया है।

क्या है मामला
शहर के मोहल्ला राजेंद्रनगर शीतला माता मंदिर के पास रहने वाली श्रीकुंवर पत्नी रामलखन प्रजापति ने उपभोक्ता फोरम में दायर की शिकायत में बताया कि 28 अप्रैल 2012 को उसके पति रामलखन ने गांधी मार्कीट स्थित एल.आई.सी. से बीमा पॉलिसी ली थी जिसमें 25,227 रुपए वाॢषक प्रीमियम जमा किए थे। बीमा लेते वक्त बीमा कम्पनी के डाक्टर ने भी बीमाधारक की मैडीकल जांच की थी। 4 नवम्बर 2014 को ग्रांट मैडीकल कॉलेज एंड सर जे.जे. ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल मुम्बई में रामलखन को परिजनों ने भर्ती कराया। उसी दिन उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि पेशंट हिस्ट्री में 12 साल पहले हार्ट अटैक आने की बात कही गई थी। इस आधार पर बीमा कम्पनी ने क्लेम देने से इंकार कर दिया। बीमा कम्पनी का कहना था कि बीमाकत्र्ता ने अपनी बीमारी छिपाई थी, लिहाजा उसे क्लेम के 4 लाख रुपए नहीं दिए जा सकते हैं। इस पर वादी श्रीकुंवर ने 25 जुलाई 2016 को उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया।

क्या कहा फोरम ने
सुनवाई के दौरान उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जिष्णुकांत पांडेय व सदस्य रामबाबू निषाद ने कहा कि 12 साल पहले अटैक आने की बात कह कर दावा खारिज नहीं किया जा सकता है जबकि बीमा कम्पनी के डाक्टर ने भी बीमाधारक की मैडीकल जांच की है। लिहाजा फोरम ने बीमा कम्पनी को आदेश दिया कि वह पीड़िता को 4 लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज की दर से भुगतान करे।

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