Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Nov, 2018 03:07 PM
हांगकांग की वित्तीय सेवा कंपनी सीएलएसए के एमडी एवं इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट क्रिस्टोफर वुड ने आरबीआई के साथ जारी खींचतान में मोदी सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की कठोर मौद्रिक नीति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की शिकायतें बिल्कुल...
नई दिल्लीः हांगकांग की वित्तीय सेवा कंपनी सीएलएसए के एमडी एवं इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट क्रिस्टोफर वुड ने आरबीआई के साथ जारी खींचतान में मोदी सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की कठोर मौद्रिक नीति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की शिकायतें बिल्कुल वाजिब हैं। वुड व्यापक पैमाने पर पढ़े जाने वाले अपने साप्ताहिक न्यूजलेटर ग्रीड एंड फीयर के लिए मशहूर हैं।
मोदी सरकार को 10 में से 8 नंबर
मार्केट गुरु क्रिस वुड ने कहा कि वह सरकार के साथ 'सहानुभूति' इसलिए रख रहे हैं, क्योंकि उनको लगता है कि महंगाई के प्रमुख मानक संतोषजनक स्तर पर हैं, जिससे नीतियों में ढील की गुंजाइश बनती है। वह मोदी सरकार को 10 में से 8 नंबर देते हैं और कहते हैं कि 8 नंबर ज्यादा नहीं हैं, क्योंकि सरकार ने बैंकिंग की समस्या को शुरुआती दौर में नहीं सुलझाया। वुड ने ये सारी बातें CLSA की तरफ से आयोजित इंडिया इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस में कहीं।
नोटबंदी बेहद साहसिक कदम
उन्होंने आगे कहा, "नोटबंदी बेहद साहसिक कदम था, बेहद बहादुरी भरा। बैंकरप्सी कोड भी बड़ी बात है, यह बहुत बड़ा सुधार है।" उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी भी कर दी, हालांकि उन्होंने माना कि पार्टी को थोड़ा कम बहुमत हासिल होगा।
गौरतलब है कि नॉन-बैंकिंग कंपनियों को लिक्विडिटी, कुछ सरकारी बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) से बाहर करने एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की फंडिंग जैसे कुछ महत्वपूर्ण मसलों पर मोदी सरकार और उर्जित पटेल की अगुआई वाले रिजर्व बैंक के बीच तनातनी की स्थिति कायम है। अब सबकी नजरें 19 नवंबर को होनेवाली आरबीआई बोर्ड की मीटिंग पर है। उम्मीद की जा रही है कि इस मीटिंग में आरबीआई कुछ ऐसे फैसले ले सकता है, जिससे सरकार के साथ उसके मौजूदा तनावपूर्ण रिश्ते में नरमी आएगी।