Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2019 11:21 AM
भारतीय निवेशकों का विदेशों में वाणिज्यिक रियल एस्टेट में पूंजी निवेश 2018 की पहली तिमाही और 2019 की पहली तिमाही के बीच 92 प्रतिशत बढ़कर 70 करोड़ डॉलर (करीब 4,893 करोड़ रुपए) रहा। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली...
नई दिल्लीः भारतीय निवेशकों का विदेशों में वाणिज्यिक रियल एस्टेट में पूंजी निवेश 2018 की पहली तिमाही और 2019 की पहली तिमाही के बीच 92 प्रतिशत बढ़कर 70 करोड़ डॉलर (करीब 4,893 करोड़ रुपए) रहा। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली वैश्विक कम्पनी नाइट फ्रैंक ने कहा कि निवेशकों ने अपना रिटर्न बढ़ाने और जोखिम को कम करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश हेतु वैश्विक बाजारों का उपयोग किया। भारतीय पूंजी निवेश के लिए ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया शीर्ष निवेश गंतव्य रहे।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि भू-राजनीतिक कारकों के साथ दीर्घकालीन निवेश चक्र और दीर्घकालीन निवेश चक्र में ब्याज दर को देखते हुए सीमा पार पूंजी प्रवाह बढ़ रहा है। बैजल ने कहा कि भारतीय निवेशक जोखिम को कम करने के लिए अलग-अलग जगहों पर निवेश तथा अपना रिटर्न बढ़ाने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट संपत्ति पर गौर कर रहे हैं।
विदेशी निवेश 2.6 अरब डॉलर रहा
आलोच्य अवधि में भारतीय वाणिज्यिक रीयल एस्टेट में विदेशी निवेश 2.6 अरब डॉलर रहा। इस 2.6 अरब डॉलर के निवेश के साथ इस क्षेत्र में पूंजी आयात करने वाले देशों में भारत 20वें स्थान पर रहा। वहीं 14.30 अरब डॉलर के साथ चीन छठे स्थान पर रहा। वैश्विक स्तर पर पूंजी आयात करने वाले देशों में अमरीका शीर्ष स्थान पर रहा। वहां कुल 80.89 अरब डॉलर का निवेश हुआ। रिपोर्ट के अनुसार पूंजी निवेश निर्यात करने वाले देशों में भी अमरीका शीर्ष पर है। वहां से 59.62 अरब डॉलर का निवेश किया गया। उसके बाद क्रमश: कनाडा (50.41 अरब डॉलर) तथा जर्मनी (24.50 अरब डॉलर) का स्थान रहा।