Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 10:10 AM
वैश्विक अर्थव्यस्था में धीमा रुख रहने के बावजूद देश में वाणिज्यिक रियल एस्टेट की मांग अच्छी रही है। इस दौरान देश के प्रमुख आठ शहरों मे 3.057 करोड़ वर्गफुट कार्यालय स्थल की खपत हुई है। इससे भारत की वृद्धि और उसमें निवेशकों का विश्वास झलकता है।
नई दिल्लीः वैश्विक अर्थव्यस्था में धीमा रुख रहने के बावजूद देश में वाणिज्यिक रियल एस्टेट की मांग अच्छी रही है। इस दौरान देश के प्रमुख आठ शहरों मे 3.057 करोड़ वर्गफुट कार्यालय स्थल की खपत हुई है। इससे भारत की वृद्धि और उसमें निवेशकों का विश्वास झलकता है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के सर्वेक्षण के अनुसार 2017 में कार्यालयी स्थल का उपयोग सात प्रतिशत गिरकर 3.057 करोड़ वर्गफुट रहा है जो पिछले साल 3.285 करोड़ वर्गफुट था। यह खपत मुख्य तौर पर देश के आठ प्रमुख शहरों में हुई है। इस अवधि में कार्यालय स्थल की आपूर्ति भी 11 फीसदी गिरकर 3.220 करोड़ वर्गफुट रही है जो 2016 में 3.634 करोड़ वर्गफुट थी। कुशमैन एंड वेकफील्ड के कंट्री प्रमुख और प्रबंध निदेशक अंशुल जैन ने कहा कि वैश्विक और घरेलू अनिश्चिताओं के बादल छंटने से 2017 की दूसरी छमाही में कार्यालयी स्थल की मांग का रुख सकारात्मक रहा है। यह दिखाता है कि ब्रेक्जिट, अमेरिका की फेडरल रिजर्व दरों में बदलाव, जीएसटी और रेरा को लागू करने का प्रभाव देश के वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि पर न्यूनतम रहा है।
उन्होंने कहा कि जब मध्य तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि में गिरावट आई तब भी भारत की जीडीपी वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक बना रहा। इससे कंपनियों को अपने वृद्धि योजना के साथ आगे बढऩे को बढ़ावा मिला। चेन्नई, पुणे और मुंबई जैसे शहरों में क्रमश: 38 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और नौ प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि रही जबकि बेंगलूरू में 2016 के मुकाबले 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। कोलकाता, हैदराबाद में भी अच्छी वृद्धि रही।