Edited By vasudha,Updated: 20 Mar, 2020 02:05 PM
भारत की 50 प्रतिशत से अधिक कंपनियों को लगता है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के मद्देनजर उनका परिचालन प्रभावित होगा और करीब 80 प्रतिशत के नकदी प्रवाह में कमी आई है। उद्योग संगठन फिक्की के एक सर्वेक्षण के अनुसार इस महामारी ने देश की...
बिजनेस डेस्क: भारत की 50 प्रतिशत से अधिक कंपनियों को लगता है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के मद्देनजर उनका परिचालन प्रभावित होगा और करीब 80 प्रतिशत के नकदी प्रवाह में कमी आई है। उद्योग संगठन फिक्की के एक सर्वेक्षण के अनुसार इस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए नई चुनौतियां पेश की हैं और इससे मांग तथा आपूर्ति दोनों बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
भारत पहले ही वृद्धि दर में कमी का सामना कर रहा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 4.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो छह साल में सबसे कम थी। फिक्की ने कहा कि 53 प्रतिशत भारतीय कंपनियों का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते कारोबार प्रभावित हुआ है। सर्वेक्षण के मुताबिक महामारी के चलते लगभग 80 प्रतिशत प्रतिभागियों ने नकदी प्रवाह में कमी की बात कही।
फिक्की ने कहा कि व्यवसायों और लोगों को संकट से निपटने में मदद करने के लिए मौद्रिक, राजकोषीय और वित्तीय बाजार उपायों को मिलाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को इस नीति पर भारतीय उद्योग और अर्थव्यवस्था को समर्थन करने की जरूरत है। बता दें कि कोरोना वायरस से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए नई टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।