Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Aug, 2019 10:37 AM
इलाज में लापरवाही से हुई मौत के मामले में महाराष्ट्र के राज्य उपभोक्ता आयोग ने नवी मुम्बई के एक सरकारी अस्पताल और चैम्बूर स्थित एक निजी अस्पताल को मृतक की पत्नी को 15 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
मुम्बईः इलाज में लापरवाही से हुई मौत के मामले में महाराष्ट्र के राज्य उपभोक्ता आयोग ने नवी मुम्बई के एक सरकारी अस्पताल और चैम्बूर स्थित एक निजी अस्पताल को मृतक की पत्नी को 15 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला
फोरम में दी अपनी शिकायत में मृतक की पत्नी स्वाति ने बताया कि उसके पति दत्ता शेरखने (40) बी.पी.सी.एल. में कार्यरत थे और वह मायोकार्डिटिस (हृदय रोग) से पीड़ित थे। उन्होंने नवी मुम्बई नगर निगम अस्पताल में 2010 में उनका इलाज करवाया लेकिन अस्पताल ने मायोकार्डिटिस की बजाय मलेरिया का इलाज किया। बाद में वह अपने पति को लेकर चैम्बूर स्थित सुश्रुत अस्पताल गई। महिला का आरोप है कि वहां उसके पति के इलाज में देरी हुई जिसके कारण उनकी मौत हो गई। महिला 2011 में अपने पति के इलाज में चिकित्सा लापरवाही के संबंध में मुआवजा मांगने के लिए महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग पहुंची थी।
यह कहा आयोग ने
महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा कि जहां एक अस्पताल पीड़िता के पति की बीमारी का पता नहीं लगा सका वहीं दूसरा उसे पर्याप्त उपचार मुहैया नहीं करा सका जिसके चलते एक व्यक्ति की जान चली गई। फोरम ने यह मामला इलाज में लापरवाही का माना और नवी मुम्बई के नगर निगम अस्पताल व चैम्बूर स्थित सुश्रुत अस्पताल को मृतक की पत्नी को 15 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।