RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा ऐलान, लगातार चौथी बार रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Oct, 2023 10:26 AM

decision on repo rate in some time will your loan be cheap or expensive know

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। वह भी तब जब खुदरा महंगाई की दर आरबीआई के लक्ष्य से बाहर है। आरबीआई के इस फैसले से होम, कार समेत तमाम तरह के लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिली है। आपको बता दें कि...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। 

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।'' रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए इसका उपयोग करता है। साथ ही एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है। 

दास ने कहा कि भारत दुनिया के लिए आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है। एमपीसी मुद्रास्फीति को लेकर जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी। आरबीआई ने अगस्त, जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रेपो दर में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। 

आरबीआई पॉलिसी की अहम बातें 

  • मजबूत मांग से घरेलू अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है।
  • सितंबर में महंगाई दर में कुछ नरम आएगी। यानी महंगाई घटेगी। 
  • मौद्रिक समिति ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।
  • एमपीसी मुद्रास्फीति के हिसाब से जरूरत के अनुरूप कदम उठाने को तैयार।
  • पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन से संकेत मिलता है कि निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ रहा है।
  • लोगों को महंगाई से मिलेगी राहत 

जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहेगी 

आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक पॉलिसी की घोषणा करते हुए कि ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट को बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी की दर 6 फीसदी पर बरकरार रखा है। 

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