Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2023 06:22 PM
शेयर बाजारों से आकर्षक रिटर्न और खाता खोलने की प्रक्रिया सुगम होने की वजह से अगस्त, 2023 में डीमैट खातों की संख्या सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 12.7 करोड़ हो गई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण के अनुसार, जुलाई के 30 लाख की...
नई दिल्लीः शेयर बाजारों से आकर्षक रिटर्न और खाता खोलने की प्रक्रिया सुगम होने की वजह से अगस्त, 2023 में डीमैट खातों की संख्या सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 12.7 करोड़ हो गई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण के अनुसार, जुलाई के 30 लाख की तुलना में अगस्त में नए खातों की संख्या मासिक आधार पर 4.1 प्रतिशत बढ़कर अगस्त में 31 लाख हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2023 के अंत में दो डिपॉजिटरी एनएसडीएल और सीडीएसएल के साथ कुल 12.7 करोड़ डीमैट खाते पंजीकृत थे, जबकि एक साल पहले यह संख्या 10.1 करोड़ थी। जुलाई के अंत में डीमैट खातों की संख्या 12.3 करोड़ थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के अंत में कुल 12.7 करोड़ में से 3.3 करोड़ और 9.35 करोड़ डीमैट खाते क्रमशः एनएसडीएल तथा सीडीएसएल के साथ पंजीकृत थे।
सेबी के निर्देशों के अनुसार, सभी व्यक्तिगत डीमैट खाताधारकों तथा म्यूचुअल फंड निवेशकों के पास अपने उत्तराधिकारी को नामित करने या एक घोषणापत्र भरकर योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुनने के लिए 30 सितंबर तक का समय है। ऐसा नहीं करने पर निवेशकों के डीमैट खातों और फोलियो पर रोक लग जाएगी, यानी उन्हें ‘फ्रीज' कर दिया जाएगा और वे अपने निवेश को निकाल नहीं पाएंगे। यह अनिवार्यता नए और मौजूदा दोनों निवेशकों पर लागू होता है। यह कदम निवेशकों को अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने और उनका निवेश उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करने को उठाया गया है।