Edited By Radhika,Updated: 28 Dec, 2023 06:05 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को थोक जमा पर निर्भर रहने की बैंकों के बीच बढ़ती प्रवृत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि इसपर उच्च लागत आती है जो मार्जिन पर भी असर डालती है।
बिज़नेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को थोक जमा पर निर्भर रहने की बैंकों के बीच बढ़ती प्रवृत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि इसपर उच्च लागत आती है जो मार्जिन पर भी असर डालती है। स्वामीनाथन ने यहां भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि बैंकों को अपने ब्याज दर जोखिमों के प्रभावी प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘‘यदि बैंक ऊंची कीमत वाली थोक जमाओं पर बहुत अधिक निर्भर रहेंगे तो उनके लिए वक्त मुश्किल हो जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में गिरावट होने पर भी इन दीर्घकालिक बड़ी जमाओं का बैंकों को प्रबंधन करना होगा जिससे उनका मुनाफा और मार्जिन कम हो सकता है।''
स्वामीनाथन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति का सबसे बड़ा असर बैंकों के शुद्ध ब्याज मार्जिन पर पड़ेगा जिससे उनका मुनाफा कम हो जाएगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने इसे एक बड़ा जोखिम बताते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने पाया है कि कई बैंक सूचना प्रौद्योगिकी के लिए निर्धारित राशि भी खर्च नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही स्वामीनाथन ने बैंकों में खराब प्रशासन और प्रबंधन प्रथाओं का मुद्दा भी उठाया।