चीनी कंपनियों पर सख्ती के बाद भी हुआवे को मिली हरी झंडी!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Dec, 2020 05:21 PM

despite the strictures on chinese companies huawei got the green signal

केंद्र सरकार तो दूरसंचार उपकरणों के ''गैर भरोसेमंद'' आपूर्तिकर्ताओं पर लगाम कस रही है मगर दूरसंचार विभाग शायद इस मामले में ढिलाई बरत गया है। विभाग की शाखा दूरसंचार अभियांत्रिकी केंद्र (टीईसी) ने चीनी कंपनी हुआवे टेलीकम्युनिकेशंस

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार तो दूरसंचार उपकरणों के 'गैर भरोसेमंद' आपूर्तिकर्ताओं पर लगाम कस रही है मगर दूरसंचार विभाग शायद इस मामले में ढिलाई बरत गया है। विभाग की शाखा दूरसंचार अभियांत्रिकी केंद्र (टीईसी) ने चीनी कंपनी हुआवे टेलीकम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को अपने उपकरणों का परीक्षण चालू करने के प्रमाणपत्र जारी कर दिए। अब इन पर रोक लगा दी गई है।

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने कल की बैठक में दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देशों को मंजूरी दी। इनके तहत दूरसंचार सेवा प्रदाता उन्हीं स्रोतों से उपकरण खरीद सकते हैं, जो 'भरोसेमंद' हों। सरकार उन स्रोतों की फेहरिस्त भी तैयार करेगी, जिनसे उपकरण नहीं खरीदने हैं। पिछले महीने की 4, 9 और 27 तारीख को हुआवे को उपकरणों की अनिवार्य जांच के तीन प्रमाणपत्र जारी किए गए। लेकिन पिछले हफ्ते नया नोटिस जारी कर उन पर रोक लगा दी गई।

मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया, 'सरकार दूरसंचार कंपनियों से चीनी उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता कम करने के लिए कह चुकी है। उसके बावजूद ऐसा हुआ।' दूसरी उपकरण आपूर्तिकर्ता कंपनियों को जारी किए गए प्रमाणपत्र भी रोक दिए गए हैं।

हुआवे के प्रवक्ता ने कहा, 'हुआवे इंडिया को ये प्रमाणपत्र अनिवार्य जांच के दूसरे चरण की प्रक्रिया के तहत मिले। हम अधिकारियों से पूरा सहयोग करेंगे और देश के कानून के मुताबिक किसी भी शर्त को पूरा करेंगे।' पता चला है कि हुआवे ने चीन से पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क उपकरण मंगाना शुरू कर दिया था मगर प्रमाणन पर रोक के बाद उन्हें भी चीनी बंदरगाहों पर ही रोक दिया गया। सूत्रों ने बताया कि मामला पता चलने के बाद संभवत: दूरसंचार विभाग ने वरिष्ठ उप महानिदेशक यूके श्रीवास्तव का तबादला कर दिया है।

पूरा मामला इसलिए अहम बन जाता है क्योंकि केंद्र सरकार चीन के साथ कारोबारी रिश्तों का कड़ा विरोध कर रही है। सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से साफ कह दिया था कि 4जी सेवा शुरू करने के लिए चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करे। कंपनी से यह भी कहा गया था कि देसी उपकरण निर्माताओं को प्रोत्साहन देने के लिए 4जी उपकरणों की निविदा दोबारा निकाली जाए। दूरसंचार विभाग ने 17 जून को बीएसएनएल से 4जी की अपनी निविदा रद्द करने के लिए कहा था। बाद में जारी निविदा में ऐसे प्रावधान होने की संभावना थी, जिनसे चीनी कंपनियां बोली में शामिल ननहीं हो पातीं।

हालांकि सरकार ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को चीनी दूरसंचार उपकरण कंपनियों से उपकरण खरीदने से प्रतिबंधित नहीं किया है मगर उसने लाइसेंसिंग मानकों के हिस्से के रूप में व्यापक सुरक्षा शर्तें लागू कर दीं। इस बीच भारत ने 100 से अधिक चीनी ऐप्स और चीन से जुड़ाव रखने वाले 100 अन्य ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें लोकप्रिय मोबाइल गेम पबजी भी शामिल है। सरकार ने इसके लिए साइबर सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया। यह सब उस समय किया गया जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव लगातार बढ़ रहा था।

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