Edited By Isha,Updated: 04 Apr, 2019 02:11 PM
भारत में दाल का घरेलू भंडार इस साल के अंत तक घटकर काफी कम हो सकता है जिससे ऑस्ट्रेलिया को इससे उत्पन्न अवसर को भुनाने का मौका मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया के दाल उत्पादकों के संगठन के एक अधिकारी ने यह अनुमान व्यक्त
बिजनेस डेस्कः भारत में दाल का घरेलू भंडार इस साल के अंत तक घटकर काफी कम हो सकता है जिससे ऑस्ट्रेलिया को इससे उत्पन्न अवसर को भुनाने का मौका मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया के दाल उत्पादकों के संगठन के एक अधिकारी ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
भारत ने घरेलू उत्पादकों को सुरक्षा देने के उद्देश्य से 2017 में छोले तथा मसूर के आयात पर कई तरह का शुल्क लगाया था। एक खबर में पल्स ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी निक गोडार्ड के हवाले से कहा गया, ‘‘उनका (भारत का) भंडार समाप्त हो रहा है। जब हम अपने फसल सत्र के अंत के करीब पहुंचेंगे, भारत अपनी आपूर्ति को बनाये रखने के लिये फिर से बाजार में आएगा और हमें उम्मीद है कि उस अवसर में ऑस्ट्रेलिया भी एक भागीदार होगा।’’ गोडार्ड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसन्न लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों को आर्किषत करने के मौके देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी की पार्टी के समाने ढेर सारे लोकसभा क्षेत्र हैं जहां किसान बहुलता में हैं।
किसानों की मदद करना उनके लिये बेहद अहम है। पिछले साल की शुरुआत में भारत के पास छोले का बड़ा भंडार था और इसी कारण घरेलू उत्पादकों को सुरक्षा देने के लिये आयात पर शुल्क लगाये गए। यह हमारे लिये दुर्भाग्यपूर्ण है पर हम इसे समझ सकते हैं हालांकि, गोडार्ड ने भंडार के खत्म होने के बाद भारतीय बाजार में ऑस्ट्रेलिया को अवसर मिलने की उम्मीद जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं शुल्क अथवा गैर-शुल्क दृष्टि के लिहाज से किसी प्रमुख बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहा हूं। इस दौरान उनकी आपूर्ति की खपत होगी। इस साल के अंत तक उन्हें फिर से बाजार में आना होगा और घरेलू भंडार को फिर से बढ़ाना होगा।’’