Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Dec, 2019 04:34 PM
लॉजिक्स इंडिया का दूसरा संस्करण शानदार सफलता के साथ समाप्त हो गया। तीन दिवस की इस प्रदर्शनी में घरेलू तथा विदेशी कंपनियों को व्यापक अवसर मिले। इसमें दुनियाभर की 120 से अधिक लाजिस्टिक कंपनियों तथा 26 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नई दिल्लीः लॉजिक्स इंडिया का दूसरा संस्करण शानदार सफलता के साथ समाप्त हो गया। तीन दिवस की इस प्रदर्शनी में घरेलू तथा विदेशी कंपनियों को व्यापक अवसर मिले। इसमें दुनियाभर की 120 से अधिक लाजिस्टिक कंपनियों तथा 26 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसका आयोजन निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फिओ) ने किया।
फियो के एक बयान में कहा गया है कि इसमें विभिन्न मुद्दों को लेकर 3,500 से अधिक बैठकें हुईं। इसमें दुनिया भर की 120 से अधिक लॉजिस्टिक कंपनियों तथा 26 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान फिओ ने वाणिज्य एवं व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सीएएमएफए, कंबोडिया तथा एनएएफएल, संयुक्त अरब अमीरात के साथ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किया। वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव (लॉजिस्टिक्स) अनंत स्वरूप ने लॉजिक्स इंडिया के समापन सत्र में कहा, ‘‘भारत में सड़कों और रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क है। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का अनुमानित सीएजीआर 10 प्रतिशत से अधिक है। सरकार की भूमिका बुनियादी संरचना तथा नीतिगत समर्थन मुहैया कराने की है। अभी कम लागत में प्रभावी लॉजिस्टिक्स की एक छोर से दूसरे छोर तक की जरूरत है।''
फिओ के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि लॉजिक्स इंडिया का दूसरा संस्करण बेहद सफल रहा है और इसने सभी उम्मीदों को पार कर लिया। उन्होंने कहा कि देश में क्षेत्रीय लॉजिस्टिक केंद्र विकसित करने के लिए हमारी विशाल समुद्री सीमा के विकास के साथ इनलैंड नदी परिवहन के यूरोपीय मॉडल पर विचार किया जाना चाहिए।