त्योहारों के बाद भी खाद्य तेलों में तेजी, जानिए क्या है कारण

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Nov, 2022 12:16 PM

edible oils rise even after festivals know what is the reason

दीवाली बीतने के बाद भी खाद्य तेलों में तेजी बरकरार है, जबकि आमतौर पर त्योहारी मांग खत्म होने के बाद खाद्य तेलों के दाम घटते हैं और इस बार भी यही उम्मीद थी। खाद्य तेलों में तेजी की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में इजाफा होना है और इसकी वजह...

बिजनेस डेस्कः दीवाली बीतने के बाद भी खाद्य तेलों में तेजी बरकरार है, जबकि आमतौर पर त्योहारी मांग खत्म होने के बाद खाद्य तेलों के दाम घटते हैं और इस बार भी यही उम्मीद थी। खाद्य तेलों में तेजी की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में इजाफा होना है और इसकी वजह रूस-यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ना है। कारोबारियों के मुताबिक आगे भी खाद्य तेलों के दाम वैश्विक हालात पर निर्भर करेंगे।

बीते एक महीने के दौरान देश में खाद्य तेलों के दाम 15 से 30 रुपए किलो बढ़ चुके हैं। महीने भर रिफाइंड सोयाबीन तेल के थोक भाव 120-125 रुपए से बढ़कर 140-145 रुपए, सरसों तेल के भाव 130-135 रुपए से बढ़कर 145-150 रुपए, सूरजमुखी तेल के भाव 130-135 रुपए से बढ़कर 160-165 रुपए प्रति लीटर हो चुके हैं। इस दौरान आयातित पामोलीन तेल के भाव 90-95 रुपए से बढ़कर 105-110 रुपए किलो हो चुके हैं।

सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कूइट) के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने बताया कि रूस-यूक्रेन के बीच तनाव से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। भारत में खाद्य तेलों के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार पर काफी निर्भर करते हैं। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय तेजी के कारण देश में भी खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं। खाद्य तेलों में महीने भर में 15 से 30 रुपए प्रति लीटर की तेजी आ चुकी है।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर कहते हैं कि त्योहारी मांग कमजोर पड़ने से दीवाली बाद खाद्य तेल सस्ते होने की उम्मीद थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने से घरेलू बाजार में भी खाद्य तेल महंगे हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी सूरजमुखी तेल में 25 फीसदी की आई है क्योंकि रूस-यूक्रेन के बीच तनातनी बढ़ी है। यूक्रेन से भारत में बड़े पैमाने पर सूरजमुखी तेल आयात किया जाता है।

कारोबारियों के मुताबिक खाद्य तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करेंगे। नागपाल कहते हैं कि अगर रूस-यूक्रेन व अन्य देशों के बीच तनाव की स्थिति है। हालांकि बीते कुछ दिनों से हालात थोडे शांत हुए हैं। अगर यही स्थिति आगे जारी रही तो तेजी थम सकती है और गिरावट भी संभव है। तनाव बढ़ने पर दाम बढ़ने की संभावना है। ठक्कर कहते हैं कि खाद्य तेलों के दाम पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार की गिरफ्त में है। वहां दाम घटने पर घटेंगे और बढ़ने पर बढेंगे।

खाद्य तेलों के दाम 

तेल महीने भर पहले अब
सरसों 130-135 145-150
सोयाबीन 120-125 140-145
सूरजमुखी 130-135 160-165
पामोलीन 90-95 105-110

(खाद्य तेलों के भाव रुपए प्रति लीटर में थोक बाजार के हैं)
 

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