Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Feb, 2020 12:40 PM
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने अपनी महिला लाभार्थियों के लिए एक बड़ा फैसला किया है। ईएसआईसी ने अपनी गर्भवती लाभार्थियों को मैटरनिटी संबंधी सेवाएं दूसरे अस्पतालों से लेने पर अब 7500 रुपए देने का फैसला किया है। यह फैसला लिविंग कॉस्ट
नई दिल्लीः कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने अपनी महिला लाभार्थियों के लिए एक बड़ा फैसला किया है। ईएसआईसी ने अपनी गर्भवती लाभार्थियों को मैटरनिटी संबंधी सेवाएं दूसरे अस्पतालों से लेने पर अब 7500 रुपए देने का फैसला किया है। यह फैसला लिविंग कॉस्ट बढ़ने के कारण लिया गया है। अभी तक ईएसआईसी की गर्भवती लाभार्थियों को दूसरे अस्पताल में इलाज कराने पर 5000 रुपए की आर्थिक मदद मिलती थी।
श्रम मंत्री की बैठक में लिया गया फैसला
श्रम मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि गर्भवती महिलाओं को दूसरे अस्पताल में इलाज कराने पर मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाने का फैसला श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है। बयान में कहा गया है कि लिविंग इंडेक्स खर्च में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए प्रसवावस्था खर्च की राशि को बढ़ाकर 5000 रुपए से 7500 रुपए किया गया है। आपको बता दें कि यह प्रसवावस्था खर्च ऐसी स्थिति में मिलता है जब लाभार्थी ईएसआईसी डिस्पेंसरी या अस्पताल में मातृत्व सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे अस्पतालों में इलाज कराती हैं।
ESIC लाभार्थियों के लिए मेडिकल कॉलेज में कोटा को भी मंजूरी
इसके अलावा बैठक में ईएसआईसी की ओर से संचालित मेडिकल संस्थानों में एकेडिक ईयर 2020-21 के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के कोटा को भी मंजूरी दी गई। साथ ही ईएसआईसी के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस-बीएडस कोर्स में बीमित व्यक्तियों के कोटा को लेकर प्रोविजनल एडमिशन पॉलिसी-2020 को भी मंजूरी मिल गई। बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के संशोधित आवंटन और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट आवंटन को भी हरी झंडी दी गई। आपको बता दें कि मौजूदा समय में करीब 13.56 करोड़ ईएसआई योजना के लाभार्थी हैं।