Edited By Supreet Kaur,Updated: 24 Apr, 2018 01:08 PM
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए। ई-कॉमर्स कंपनियों पर नकली प्रोडक्ट्स बिकने की शिकायत बढ़ती जा रही है। ई-कॉमर्स साइट्स पर हैवी डिस्काउंट्स पर धड़ल्ले से न.......
नई दिल्लीः अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए। ई-कॉमर्स कंपनियों पर नकली प्रोडक्ट्स बिकने की शिकायत बढ़ती जा रही है। ई-कॉमर्स साइट्स पर हैवी डिस्काउंट्स पर धड़ल्ले से नकली प्रॉडक्ट्स बेचे जा रहे हैं। हाल ही में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि एक तिहाई लोगों को नकली सामान से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा।
समान बेचने वालों की जांच नहीं करती कंपनियां
लोकलसर्किल्स द्वारा इस मामले पर विचार जानने के लिए 12 हजार यूनिक कंज्यूमर्स का सर्वे किया गया। कंज्यूमर्स का मानना है कि लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए समान बेचने वाले ई-कॉमर्स साइट्स पर नकली प्रोडक्ट्स को हैवी डिस्काउंट के साथ पेश करते हैं। वहीं, ज्यादातर कंपनियां डिस्काउंट के चक्कर में समान बेचने वालों की मूल जांच नहीं करती हैं।
38 फीसदी लोगों को मिले नकली प्रोडक्ट
पहले पोल में 6,923 लोगों में से 38 फीसदी कंज्यूमर्स ने कहा कि उनहें बीते एक साल में ई-कॉमर्स साइट से नकली प्रोडक्ट मिले हैं। 45 फीसदी ने कहा कि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ है जबकि 17 फीसदी ने कहा है कि वह इसके बारे में कुछ नहीं जानते। वहीं, मार्केट रिसर्च प्लेटफार्म वेलोसिटी एमआर द्वारा 3,000 लोगों पर किए गए एक दूसरे सर्वे में पाया गया कि बीते छह माह में हर तीसरे ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले को नकली प्रोडक्ट्स मिले हैं।
किस कंपनी पर मिलता है ज्यादा नकली समान
यह पूछने पर कि कौन सी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने बीते एक साल में नकली प्रोडक्ट भेजा है तो लोगों ने अलग अलग जवाब दिए। 12 फीसदी ने स्नैपडील, 11 फीसदी ने अमेजॉन और 6 फीसदी ने फ्लिपकार्ट का नाम लिया। 71 फीसदी लोग एेसे हैं जो ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते या उनहें नकली प्रोडक्ट नहीं मिला है। सर्वे में यह भी पाया गया कि नकली प्रोडक्ट्स की कैटेगरी में सबसे ऊपर परफ्यूम और दूसरे फ्रेंगनेंस हैं। इसके बाद शूज और स्पोर्टिंग गुड्स। वहीं, 51 फीसदी ने कहा कि दूसरे कैटेगरी के प्रोडक्ट जैसे फैशन, अपैरल, बैग्स, गैजेट्स आदि में नकली समान मिलता है।