Edited By ,Updated: 10 Feb, 2016 11:33 AM
आम बजट के बाद आपका मासिक किराने का बिल बढ़ सकता है। सरकार कुछ चीजों पर एक्साइज ड्यूटी में मिल रही छूट खत्म करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्लीः आम बजट के बाद आपका मासिक किराने का बिल बढ़ सकता है। सरकार कुछ चीजों पर एक्साइज ड्यूटी में मिल रही छूट खत्म करने पर विचार कर रही है। साथ ही, कई वस्तुओं पर अभी लग रहे सबसे कम टैक्स रेट को बढ़ाया जा सकता है। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की राह बनाने के मकसद से यह सब करने की तैयारी है।
ग्रीन टी, डेयरी स्प्रेड्स, योगर्ट, चीज, आइसक्रीम, फ्रोजेन फूड प्रॉडक्ट्स, पास्ता, रेडी टु ईट फूड्स, पैकेज्ड फ्रूट जूस और सोया मिल्क पर या तो एक्साइज ड्यूटी लगाई जा सकती है या जिन मामलों में यह पहले से लग रही है, उनमें इसे 12.5 फीसदी के स्टैंडर्ड रेट तक बढ़ाया जा सकता है। इनमें से कई प्रॉडक्ट्स पर अभी या तो एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती है या 6 फीसदी तक लगती है।
300 से ज्यादा वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती है, वहीं 1.5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले मैन्युफैक्चरर्स को भी इससे छूट मिली हुई है। राज्यों में वैट के मामले में टर्नओवर की यह सीमा 8-10 लाख रुपए की है और जी.एस.टी. के मामले में यह 25 लाख रुपए हो सकती है।
जी.एस.टी. के तहत छूट वाले आइटम्स की लिस्ट को रिवाइज करना होगा ताकि इसमें केवल जरूरी वस्तुएं ही हों। जी.एस.टी. रेट को कम रखने के लिए ऐसा जरूरी होगा।
जी.एस.टी. के लिए रेवेन्यू न्यूट्रल रेट का सुझाव देने वाली चीफ इकनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कहा है, 'रेट जितना कम होगा, उतनी ज्यादा कमोडिटीज पर इस दर से टैक्स लिया जा सकेगा।' कमेटी ने 17-18 फीसदी के स्टैंडर्ड जी.एस.टी. रेट और 12 फीसदी के कंसेशनल रेट का सुझाव भी दिया था।