Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Oct, 2018 01:38 PM
फेसबुक और वॉट्सऐप डेटा हैक की खबरों के बाद अब एक चौंकाने वाली खबर आई है। आईटी सिक्यॉरिटी फर्म सोफोस लैब्स (Sophos Labs) ने दावा किया है कि गूगल प्ले स्टोर पर एसबीआई
नई दिल्लीः फेसबुक और वॉट्सऐप डेटा हैक की खबरों के बाद अब एक चौंकाने वाली खबर आई है। आईटी सिक्यॉरिटी फर्म सोफोस लैब्स (Sophos Labs) ने दावा किया है कि गूगल प्ले स्टोर पर एसबीआई, आईसीआईसीआई, ऐक्सिस, सिटी और अन्य बैंकों के फर्जी ऐप्स मौजूद हैं, जो हजारों बैंक ग्राहकों के निजी डेटा को चोरी कर चुके होंगे।
बैंकों ने शुरू की जांच
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इन ऐप्स में मौजूद मैलवेयर ने हजारों बैंक ग्राहकों के अकाउंट और क्रेडिट कार्ड के डेटा में सेंध लगा दी होगी। आशंका जताई जा रही है कि ये ऐप्स आगे भी डेटा चोरी कर सकते हैं। हालांकि इस बारे में बैंकों का कहना है कि उन्हें इस तरह के किसी डेटा चोरी मामले की कोई जानकारी नहीं है लेकिन कुछ बैंकों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और CERT-In को जानकारी दे दी है। यह संस्था कंप्यूटर सिक्यॉरिटी से जुड़े मामलों पर नज़र रखती है।
इन बैंकों के हैं फर्जी ऐप्स
रिपोर्ट के अनुसार, इन फर्जी ऐप्स ने 7 बैंकों को अपना निशाना बनाया है। इनमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, ऐक्सिस, इंडियन ओवरसीज़ ,बैंक ऑफ बड़ोदा, यस बैंक और सिटी बैंक शामिल हैं। हालांकि इस मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है।
सिटी बैंक ने किया विरोध
हालांकि सिटी बैंक ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। बैंक ने सोफोज लैब को लिखित में कहा है कि रिपोर्ट से उसका नाम हटाया जाए। यस बैंक ने इस बारे में कहा कि बैंक के साइबर धोखाधड़ी विभाग को इससे अवगत कराया गया है। भारतीय स्टेट बैंक ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक की ओर से भी कोई जवाब नहीं मिल पाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप्स ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक ऑफर देने का वादा कर उन्हें फंसाते हैं, जिसके बाद ग्राहक उन ऐप्स को डाउनलोड कर लेते हैं। यहीं से शुरू होता असली खेल। चूंकि ये फर्जी ऐप्स लोगो (Logo) के मामले में असली ऐप्स जैसे ही होते हैं, इसलिए ग्राहक इनके बीच फ़र्क महसूस नहीं कर पाते और उन्हें इंटरनेट ऐप्स या फिर ई-वॉलिट के तौर पर इस्तेमाल करते रहते हैं।
सोफोस लैब्स ने आगे कहा कि कुछ फर्जी ऐप्स तो असली ऐप्स की हूबहू कॉपी हैं, जबकि कुछ बहुत ही खतरनाक हैं क्योंकि वे मैलवेयर के ज़रिए ग्राहक के अकाउंट से डेटा चुरा लेते हैं। इससे बचने के लिए ग्राहकों को हमेशा ही ऐंटीवायरस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि उनके अकाउंट सुरक्षित रहें।