Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jun, 2020 09:47 AM
सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े दो अध्यादेश शुक्रवार को अधिसूचित कर दिए। यह अध्यादेश किसानों को मुक्त व्यापार में मदद करने और उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने से जुड़े़ हैं।
नई दिल्लीः सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े दो अध्यादेश शुक्रवार को अधिसूचित कर दिए। यह अध्यादेश किसानों को मुक्त व्यापार में मदद करने और उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने से जुड़े़ हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों और ग्रामीण भारत को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के लिए भारत के राष्ट्रपति ने इन अध्यादेशों को अपनी मंजूरी दे दी है।''
सरकार ने ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020' को अधिसूचित किया। इसका लक्ष्य किसानों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में अपनी पसंद के बाजार में कृषि उपज को बेचने की छूट देना है। वहीं, एक अन्य अध्यादेश ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020' किसानों को प्रसंस्करण इकाइयों, थोक व्यापारियों, बड़ी खुदरा कंपनियों और निर्यातकों के साथ पहले से तय कीमतों पर समझौते की छूट देगा।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इन सुधारों को सफल तरीके से लागू करने में सहयोग करने के लिए कहा। उन्होंने नए सुधारों के परिवेश में कृषि क्षेत्र के विकास और वृद्धि में उनके लगातार समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा कि किसानों को बेहतर दाम वाले अपनी पसंद के बाजार में उपज बेचने का विकल्प देने से संभावित खरीदारों की संख्या भी बढ़ेगी। ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020' के अनुसार कोई भी किसान या व्यापारी या इलेक्ट्रॉनिक व्यापार एवं लेनदेन मंच के पास कृषक उपज को व्यापार क्षेत्र के दायरे में राज्य के भीतर या दूसरे राज्यों में बेचने का विकल्प मौजूद होगा।
कृषि उपज संगठनों (एफपीओ) या कृषि सहकारी संस्थाओं को छोड़कर अन्य कोई भी व्यापारी किसी भी सूचीबद्ध कृषि उत्पाद में पैन संख्या या अन्य तय दस्तावेज के बिना व्यापार नहीं कर सकेगा। किसान के साथा व्यापार करने वाले व्यापारी को किसान को उसी दिन या अधिकतम तीन कार्यदिवसों के भीतर भुगतान करना होगा। इस प्रावधान का उल्लंघन करने वाले व्यापारी पर न्यूनतम 25,000 रुपए और अधिकतम पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि उल्लंघन जारी रहता है तो प्रत्येक दिन के हिसाब से 5,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान होगा। अध्यादेश में एक इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंच बनाने का प्रस्ताव है।
कोई भी पैन कार्डधारक या सरकार द्वारा तय दस्तावेज रखने वाला या एफपीओ और सहकारी संगठन इस तरह का मंच बना सकते हैं। यह मंच एक व्यापार क्षेत्र में तय किसान उपजों के राज्य के भीतर या दूसरे राज्यों में व्यापार की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए उचित व्यापार प्रक्रियाओं से जुड़े नियम होंगे। कोई भी व्यक्ति या संगठन यदि ई-व्यापार मंच के प्रावधानों का उल्लंघन करता है जो उस पर न्यूनतम 50,000 रुपए और अधिकतम 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि उल्लंघन जारी रहता है तो फिर 10,000 रुपए प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा। अध्यादेश में विवाद निपटान की प्रकिया का भी प्रावधान किया गया है। इस तरह के विवादों का निपटान उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टर के सामने किया जाएगा। इन्हें दीवानी अदालतों से बाहर रखा गया है।