Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Oct, 2019 11:29 AM
लोग अपने भविष्य की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में निवेश करते हैं लेकिन जब बाजार में अस्थिरता आती है तो निवेशकों की प्रतिक्रिया अनुभवहीनता वाली होती है और बाजार में गिरावट की स्थिति में निवेशक धड़ाधड़ बिकवाली करते हैं, ऐसे में...
जालंधरः लोग अपने भविष्य की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में निवेश करते हैं लेकिन जब बाजार में अस्थिरता आती है तो निवेशकों की प्रतिक्रिया अनुभवहीनता वाली होती है और बाजार में गिरावट की स्थिति में निवेशक धड़ाधड़ बिकवाली करते हैं, ऐसे में उन्हें कई बार घाटा भी उठाना पड़ता है क्योंकि अधिकतर निवेशकों को बाजार में गिरावट के समय बिकवाली और तेजी के समय खरीदारी के गोल्डन नियम की जानकारी नहीं होती। निवेशक गिरावट की स्थिति में भेड़ों के झुंड की तरह व्यवहार करते हैं और मेहनत से कमाई गई अपनी पूंजी गंवा भी बैठते हैं। ये बातें वित्तीय विशेषज्ञ जुगल किशोर ने कहीं।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में सीधे निवेश की बजाय म्यूचुअल फंड एक ऐसा रास्ता है जिसके जरिए न सिर्फ निवेश सुरक्षित रहते हैं बल्कि आपको निवेश पर अच्छा रिटर्न भी मिलता है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन से म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं और किस समय निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा आपके निवेश का तरीका भी आपको बेहतर रिटर्न देने में सहायक सिद्ध होता है।
उन्होंने कहा कि कई बार छोटी अवधि में म्यूचुअल फंड का निवेश बेहतरीन रिटर्न नहीं दिखाता लेकिन यदि आप निवेश को सिस्टेमैटिक इन्वैस्टमैंट प्लान के जरिए निरंतर कायम रखते हैं तो यही म्यूचुअल फंड आपको लंबी अवधि में एफ.डी. जैसे पारम्परिक इनवैस्टमैंट टूल के मुकाबले बेहतर रिटर्न देता है।
आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडैंशियल एसैट एलोकेटर फंड ने अपने लांच के बाद अब तक 11.69 प्रतिशत सी.ए.जी.आर. दिया है और इसका रिटर्न निवेशकों के लिए इसलिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि फंड मैनेजरों ने संतुलित तरीके से इसके पोर्टफोलियो का निर्धारण किया। उन्होंने कहा कि हालांकि बाजार में म्यूचुअल फंड के अलावा एफ.डी. और निवेश के अन्य विकल्प भी मौजूद रहते हैं लेकिन निवेशकों को अपनी जरूरत और लंबी अवधि के अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लेना चाहिए।