कोरोना वायरस से वैश्विक बाजारों में घबराहट, 392 अंक टूटकर बंद हुआ सेंसेक्स

Edited By vasudha,Updated: 26 Feb, 2020 04:56 PM

fear of corona virus dominates the stock market

कोरोना वायरस से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव को लेकर चिंता के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथी कारोबारी सत्र में गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच यहां भी सेंसेक्स 392 अंक और टूट गया। बंबई शेयर बाजार...

बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव को लेकर चिंता के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथी कारोबारी सत्र में गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच यहां भी सेंसेक्स 392 अंक और टूट गया। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 521 अंक तक नीचे चला गया था। अंत में यह 392.24 अंक या 0.97 प्रतिशत के नुकसान से 39,888.96 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 119.40 अंक या 1.01 प्रतिशत के नुकसान से 11,678.50 अंक पर आ गया। 

 

दिग्गज शेयरों का यह रहा हाल
सेंसेक्स की कंपनियों में सनफार्मा का शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहा। मारुति, एलएंडटी, हीरो मोटोकॉर्प, इन्फोसिस, ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी गिरावट आई। वहीं दूसरी ओर एसबीआई, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में लाभ रहा। कारोबारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के बीच वैश्विक स्तर पर चले बिकवाली के सिलसिले के बीच यहां भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई। 
 

एशियाई बाजारों में भी रहा नुकसान 
अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई, जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग में अच्छा-खासा नुकसान रहा। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी नीचे चल रहे थे। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 1.77 प्रतिशत के नुकसान से 53.30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बढ़त के साथ 71.64 प्रति डॉलर पर था। 

 

दुनियाभर के निवेशक चिंतित
दुनियाभर के निवेशक कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले दीर्घावधि के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से हुई थी। आज यह दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। घरेलू बाजार में निवेशक वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा मॉरीशस को ‘ग्रे लिस्ट' में रखे जाने के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। भारत में निवेश करने वाले एफपीआई में एक बड़ी संख्या मॉरीशस में पंजीकृत है। अमेरिका के बाद मॉरीशस देश में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है। सेबी ने मंगलवार को कहा कि मॉरीशस के विदेशी निवेशक एफपीआई पंजीकरण के पात्र बने रहेंगे। 

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