बीते सप्ताह सरसों और बिनौला में सुधार, बाकी में गिरावट

Edited By Rahul Singh,Updated: 28 Apr, 2024 01:48 PM

improvement in mustard and cottonseed last week decline in others

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में पाम एवं पमोलीन के दाम घटे हैं लेकिन बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में अन्य तेल तिलहन में ज्यादा घट बढ़ नहीं थी। पाम, पामोलीन के दाम कम होने से देश में इसके आपूर्ति की स्थिति भी सुधरी है और इसकी कमी की पूर्ति का दवाब बाकी...

नई दिल्ली : विशेषज्ञों के अनुमान के विपरीत सरसों और कपास की आवक घटने के बीच बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल तिलहन तथा बिनौला तेल के दाम मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर विदेशों में कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के भाव कम होने के कारण देश में इन तेलों की आपूर्ति की स्थिति में सुधार के बीच सोयाबीन एवं मूंगफली तेल तिलहन, सीपीओ एवं पामोलीन तेल के भाव में गिरावट देखने को मिली। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में पाम एवं पमोलीन के दाम घटे हैं लेकिन बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में अन्य तेल तिलहन में ज्यादा घट बढ़ नहीं थी। पाम, पामोलीन के दाम कम होने से देश में इसके आपूर्ति की स्थिति भी सुधरी है और इसकी कमी की पूर्ति का दवाब बाकी खाद्यतेलों पर कम हुआ है। लेकिन आयात किया जाने वाला सोयाबीन डीगम तेल अभी भी कुछ कम प्रीमियम दाम के साथ बिकना जारी है। प्रीमियम पहले से जरूर कुछ कम है। पाम, पामोलीन की आपूर्ति सुधरने के बीच बीते सप्ताह सोयाबीन एवं मूंगफली तेल तिलहन, सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। 

सूत्रों ने कहा कि इस दौरान सस्ते आयतित खाद्यतेलों के जरुरत से कहीं अधिक आयात के कारण मूंगफली, सरसों, बिनौला, सोयाबीन, सूरजमुखी के देशी तेल तिलहन, इन सस्ते आयातित तेलों के आगे बेपड़ता हो गये और इस वजह से इनके खपने में मुश्किल आई। तेल पेराई मिलों पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकीं, तिलहन किसानों को अपनी ऊपज को औने पौने दाम में बेचने की मजबूरी रही। यह सारी कवायद उपभोक्ताओं को सस्ता खाद्यतेल सुलभ कराने के मकसद से की गई जो पूरा होता नहीं दिखा। पिछले लगभग दो साल में तेल तिलहन उद्योग को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना मुश्किल है। जिन लोगों को सरकार को सही समय तेल तिलहन उद्योग की समस्याओं से रूबरू कराकर सही परामर्श देना चाहिये था, वह अपने मिशन को पूरा करने में विफल रहे। सूत्रों ने कहा कि क्या देश के तेल तिलहन संगठनों का काम केवल आयात निर्यात के आंकड़े देना है या सरकार के समक्ष सही समय पर तेल उद्योग और इसके तमाम अंशधारकों की समस्या को उठाना भी है? इस काम की जिम्मेदारी भी तो कहीं तय होनी चाहिये। 

उन्होंने कहा कि सरसों की ऊपज मंडियों में आने के समय विशेषज्ञों की राय थी कि आवक लगभग 15-16 लाख बोरी की हो जायेगी और सरसों के दाम और टूट सकते हैं लेकिन मंडियों में आवक अपेक्षा से काफी कम होती दिखी। यह इस बात का संकेत है कि किसान किसी भी तरह सस्ता सौदा करने से परहेज कर रहे हैं। इसी तरह नकली खल के कारण कपास की आवक भी कम दिखी। कपास से निकलने वाले बिनौला से बने खल को बेचकर किसान लाभ कमाते हैं और यह कपास की खेती में किसानों के आकर्षण का मुख्य बिन्दु होता है क्योंकि बिनौले से तेल बहुत कम और खल काफी मात्रा में निकलता है। जब रसायनयुक्त नकली खल बाजार में काफी सस्ते दाम पर मिलेंगे तो ऊंची लागत एवं दाम वाले असली बिनौले खल को कौन खरीदेगा। इस कारण कपास की आवक भी कम दिखी। आवक कम रहने की वजह से बीते सप्ताह सरसों तेल तिलहन और बिनौला तेल के दाम में सुधार रहा। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 25 रुपये के सुधार के साथ 5,260-5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 75 रुपये बढ़कर 10,075 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। 

सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 15-15 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 1,720-1,820 रुपये और 1,720-1,835 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ। दूसरी ओर, समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 50-50 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,750-4,770 रुपये प्रति क्विंटल और 4,550-4,590 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 125 रुपये, 75 रुपये और 175 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 10,025 रुपये और 9,725 रुपये और 8,375 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल तिलहन में गिरावट रही। मूंगफली तिलहन का दाम 45 रुपये की गिरावट के साथ 6,125-6,400 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव भी क्रमश: 100 रुपये और 20 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 14,725 रुपये क्विंटल और 2,235-2,500 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चा पाम तेल (सीपीओ) 150 रुपये की गिरावट के साथ 8,775 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 10,100 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 9,175 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। गिरावट के आम रुख के उलट मंडियों में आवक घटने के कारण बिनौला तेल 25 रुपये की मजबूती के साथ 9,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!