Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Apr, 2019 02:13 PM
अनुकूल वृहद आर्थिक परिस्थितियों तथा पर्याप्त तरलता के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अप्रैल महीने में 17,219 करोड़ रुपए के शुद्ध खरीदार रहे। यह लगातार तीसरा महीना रहा जब एफपीआई शुद्ध लिवाल रहे हैं।
नई दिल्लीः अनुकूल वृहद आर्थिक परिस्थितियों तथा पर्याप्त तरलता के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अप्रैल महीने में 17,219 करोड़ रुपए के शुद्ध खरीदार रहे। यह लगातार तीसरा महीना रहा जब एफपीआई शुद्ध लिवाल रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सकारात्मक वैश्विक धारणा, आर्थिक वृद्धि के बेहतर होते परिदृश्य, अनुकूल वृहद आर्थिक परिस्थिति तथा रिजर्व बैंक द्वारा नरम रुख अपनाने के कारण फरवरी, 2019 से भारत विदेशी निवेशकों के निवेश पाने वाले शीर्ष देशों में से एक बना हुआ है। अप्रैल से पहले एफपीआई ने घरेलू बाजार (शेयर और ऋण) में मार्च में 45,981 करोड़ रुपए और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था।
डिपॉजिटरीज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में एफपीआई ने शेयरों में 21,032.04 करोड़ रुपए लगाए जबकि बांड बाजार से उन्होंने 3,812.94 करोड़ रुपए की निकासी की। इस तरह वे घरेलू बाजार में इस दौरान 17,219.10 करोड़ रुपए के शुद्ध लिवाल रहे। मॉर्निंगस्टार के शोध प्रबंधक एवं वरिष्ठ शोध विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी की आशंका से कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर में बढ़ोतरी की है ताकि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके।''