Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 May, 2018 01:40 PM
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफ.पी.आई.) ने पिछले 8 कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपए (करीब दो अरब डॉलर)
नई दिल्लीः कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफ.पी.आई.) ने पिछले 8 कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपए (करीब दो अरब डॉलर) की निकासी की। इससे पहले अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाजार (शेयर एवं ऋण) से 15,500 करोड़ रुपए निकाले थे जो पिछले 16 महीनों में सर्वाधिक था।
हालिया आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने पिछले 8 दिनों में शेयर बाजारों से 4,030 करोड़ रुपए और ऋण बाजार से 8,641 करोड़ रुपए निकाले। इस साल अब तक एफपीआई ने घरेलू शेयर बाजारों में 4,400 करोड़ रुपए डाले हैं जबकि ऋण या बांड बाजार से 19,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
क्रूड ऑयल में उछाल का असर
रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख राकेश तार्वे ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों से आय बढऩे के कारण एफपीआई घरेलू ऋण बाजार से निकासी कर रहे हैं जबकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक परिदृश्य खराब होने और वैश्विक बाजारों में आय बढऩे से शेयर बाजारों से निकासी हो रही है। इसके अलावा राज्य चुनाव से पहले एफपीआई मुनाफावसूली कर रहे हैं।’’