Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Nov, 2019 05:53 PM
वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित कंपनी के अनुसार सरकार के विभिन्न प्रयासों के बावजूद दिवाली पर बाजार में मांग कमजोर रहने से चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 0.30 प्रतिशत घटकर 5.8 प्रतिशत पर आने का अनुमान है।
मुंबईः वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित कंपनी के अनुसार सरकार के विभिन्न प्रयासों के बावजूद दिवाली पर बाजार में मांग कमजोर रहने से चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 0.30 प्रतिशत घटकर 5.8 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिसंबर में अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति के बाद नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत से अधिक कटौती करने की उम्मीद है। जबकि फरवरी की समीक्षा के बाद वह 0.15 प्रतिशत की कटौती और कर सकती है।
अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर गिरकर पांच प्रतिशत तक आ गई जो पिछले छह साल में सबसे निचला तिमाही आंकड़ा है। वृद्धि दर में यह गिरावट जुलाई-सितंबर अवधि में भी जारी रहने की आशंका है। इसकी प्रमुख वजहों में एक उपभोग में कमी आना है। सरकार और रिजर्व बैंक ने वृद्धि को संबल देने के लिए कई नीतियां शुरू की हैं।
हालांकि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। बोफा-एमएल के विश्लेषक ने कहा, ‘‘बुरी खबर यह है कि ऋण ब्याज दरें अभी भी ऊंची हैं और दिवाली मांग कमजोर रहने से 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर में 0.30 प्रतिशत की और गिरावट आने की आशंका है। 2019-20 में इसके 5.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।'' उन्होंने कहा कि मौजूदा नरमी से बाहर आने का एकमात्र रास्ता ब्याज दरों में कटौती करना है।