Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 05:25 AM
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) जैसे 2 झटकों के बाद अब भारत की अर्थव्यवस्था बढऩी चाहिए, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था री रफ्तार कम होने की संभावना है। अगले सप्ताह अर्जेंटीना में आयोजित होने वाली...
नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) जैसे 2 झटकों के बाद अब भारत की अर्थव्यवस्था बढऩी चाहिए, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था री रफ्तार कम होने की संभावना है।
अगले सप्ताह अर्जेंटीना में आयोजित होने वाली जी-20 की वित्त मंत्रियों की बैठक से पहले अपने जी-20 निगरानी नोट ‘वैश्विक संभावनाएं और नीतिगत चुनौतियां’ में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा वैश्विक ग्रोथ के वापस कमजोर रुख की ओर लौटने का अनुमान है। अमरीका में कर बदलावों और ऊंचे संघीय वित्तीय खर्च तथा बेहतर बाह्य मांग के चलते अर्थव्यवस्था में ऊंची वृद्धि का अनुमान है।
इसमें कहा गया है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति थोड़ा विषम जान पड़ती है। आई.एम.एफ. के सर्विलांस नोट में कहा गया कि चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों की संभावित वापसी और कर्ज मांग के कमजोर पडऩे को देखते हुए चीन में आॢथक वृद्धि के धीरे-धीरे कमजोर पडऩे की संभावना है, जबकि नोटबंदी और जी.एस.टी. क्रियान्वयन जैसे दो महत्वपूर्ण झटकों के बाद भारत की आॢथक वृद्धि में तेजी का रुख दिखाई देता है।