वैश्विक खाद्य आयात बिल 1 हजार 750 अरब डॉलर को पार करने की संभावना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Nov, 2021 12:35 PM

global food import bill likely to cross 1 750 billion

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने अपनी एक नई रिपोर्ट में वैश्विक खाद्य व्यापार की मात्रा और मूल्य दोनों मामलों में अपने सबसे ऊंचे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना जताई है। वर्ष 2021 के अन्त तक वैश्विक खाद्य आयात बिल के 1 हजार 750 अरब डॉलर के

 

बिजनेस डेस्कः खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने अपनी एक नई रिपोर्ट में वैश्विक खाद्य व्यापार की मात्रा और मूल्य दोनों मामलों में अपने सबसे ऊंचे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना जताई है। वर्ष 2021 के अन्त तक वैश्विक खाद्य आयात बिल के 1 हजार 750 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाने का अनुमान है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्शाता है और पहले जताए गए अनुमानों से 12 फीसदी अधिक है। यूएन एजेंसी की नई ‘फूड आउटलुक’ रिपोर्ट बताती है कि खाद्य वस्तुओं में व्यापार ने वैश्विक महामारी से उपजे व्यवधान के प्रति असाधारण सहन क्षमता दिखाई है।

निर्धन देशों व उपभोक्ताओं के लिए चुनौतियां
कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण निर्धन देशों व उपभोक्ताओं के लिए चुनौतियां भी बढ़ी हैं। बताया गया है कि खाद्य व्यापार में वृद्धि की वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिक्री की जाने वाली खाद्य वस्तुओं की कीमतों का ऊंचा स्तर और मालढुलाई कीमतों में तीन गुना बढ़ोत्तरी है। विकासशील क्षेत्रों का कुल आंकड़े में हिस्सा 40 प्रतिशत है और उनके खाद्य आयात बिल में पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की संभावना है। निम्न आय और भोजन के अभाव से ग्रस्त देशों के लिए यह और भी अधिक हो सकती है। उत्पादों के मामले में विकासशील क्षेत्रों को बुनियादी खाद्य वस्तुओं जैसे कि अनाज, वनस्पति तेल, तिलहन के दामों की ऊंची कीमत से जूझना पड़ रहा है।

मक्का व चावल की रिकॉर्ड पैदावार होने की संभावना 
मुख्य कारक विकसित क्षेत्रों में उच्च-मूल्य वाली खाद्य वस्तुओं, जैसे फल, सब्जी, मछली उत्पाद व पेय पदार्थ, मोटे तौर पर वृद्धि की मुख्य वजह हैं। मुख्य अनाजों के संबंध में पूर्वानुमान आशाजनक हैं, और मक्का व चावल की रिकॉर्ड पैदावार होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार तिलहन व उससे बनाए जाने वाले उत्पादों की आपूर्ति में हालात बेहतर होने की संभावना व्यक्त की गई है, मगर मौसम के अंत तक उनका भण्डार, औसत से नीचे रह सकता है। विश्व में शक्कर उत्पादन में भी फिर से तेजी आने की संभावना जताई गई है जबकि पिछले तीन वर्षों से इसमें कमी दर्ज की गई थी। इसके बावजूद, यह वैश्विक स्तर पर खपत से कम रहेगी। मांस उत्पादन में भी वृद्धि होने की संभावना है, और इसकी एक वजह चीन में स्थिति में तेजी से आये सुधार को बताया गया है। व्यापार में वृद्धि में मंदी की संभावना भी व्यक्त की गई है, जिसका कारण अग्रणी आयातक क्षेत्रों में आई गिरावट है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!