RBI के डिविडेंड को ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों ने बताया पॉजिटिव, कहा- नई सरकार की प्रायोरिटी स्पष्ट करेगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 May, 2024 04:21 PM

global rating agencies described rbi s dividend as positive

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 2.11 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्याशित डिविडेंड देश की राजकोषीय स्थिति के लिए पॉजिटिव है। इसका इस्तेमाल नई सरकार की राजकोषीय प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेगा। वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने शुक्रवार को यह बात कही। भारतीय रिजर्व...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 2.11 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्याशित डिविडेंड देश की राजकोषीय स्थिति के लिए पॉजिटिव है। इसका इस्तेमाल नई सरकार की राजकोषीय प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेगा। वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने शुक्रवार को यह बात कही। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में 2023-24 में अर्जित मुनाफे से सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड (लाभांश) देने का फैसला किया। यह सरकार द्वारा निर्धारित बजट 1.02 लाख करोड़ रुपए से दोगुने से भी अधिक है।

भारत की रेटिंग बुनियादी बातों के लिए सकारात्मक होगी

खबर के मुताबिक, फिच रेटिंग्स के एशिया-प्रशांत ‘सॉवरेन्स’ निदेशक जेरेमी ज़ूक ने कहा कि निरंतर घाटे में कमी, खासकर अगर टिकाऊ राजस्व बढ़ाने वाले सुधारों द्वारा समर्थित होता तो मध्यम अवधि में भारत की रेटिंग बुनियादी बातों के लिए सकारात्मक होगी। ज़ूक ने ईमेल के जरिए कहा कि लाभांश का उपयोग चाहे इसे बचाया जाए या अतिरिक्त खर्च के लिए किया जाए, सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं के बारे में संकेत प्रदान कर सकता है।

भारत को ‘बीबीबी’ रेटिंग

फिच ने भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ रेटिंग दी है। दूसरी रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि आरबीआई द्वारा उम्मीद से कहीं अधिक लाभांश ट्रांसफर का राजकोषीय प्रभाव इस बात से निर्धारित होगा कि आने वाली सरकार इन अतिरिक्त संसाधनों के साथ क्या करने का फैसला लेती है। मूडीज रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी. गुज़मैन ने कहा कि एक तरफ, सरकार व्यय पर संयम बरत सकती है और अपने घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकती है। इससे उधार लेने की आवश्यकताएं कम हो जाएंगी जिससे बाजार में अन्य उद्देश्यों के लिए नकदी मुक्त हो सकती है।

सरकार इस अतिरिक्त धनराशि का नई नीतियों और पहलों के लिए भी इस्तेमाल कर सकती है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि आरबीआई से अतिरिक्त लाभांश सकल घरेलू उत्पाद का करीब 0. 35 प्रतिशत है। भारत को समय के साथ 'रेटिंग समर्थन' मिल सकता है, अगर वह राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए अप्रत्याशित लाभांश का इस्तेमाल करता है।

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