CBDT: पैतृक ज्वैलरी और घोषित आय से खरीदे गए गोल्ड पर नहीं लगेगा टैक्स

Edited By ,Updated: 02 Dec, 2016 04:26 PM

gold legally inherited or bought out of agriculture income won t be taxed

सरकार ने गुरुवार को कहा कि जिन लोगों ने घोषित आय से सोना खरीदा है और जिनके पास पैतृक आभूषण पड़े हैं, उन्हें टैक्स के बारे में कोई चिंता करने की जरुरत नहीं है।

नई दिल्लीः सरकार ने गुरुवार को कहा कि जिन लोगों ने घोषित आय से सोना खरीदा है और जिनके पास पैतृक आभूषण पड़े हैं, उन्हें टैक्स के बारे में कोई चिंता करने की जरुरत नहीं है। सीबीडीटी के अनुसार,‘घोषित आय या कृषि आय, उपयुक्त घरेलू बचत अथवा विरासत में मिले आभूषण जिसके बारे में आय स्रोत की जानकारी है, की खरीद पर न तो मौजूदा नियम और न ही प्रस्तावित संशोधित धाराओं के तहत टैक्स लगाया जाएगा।’

लोकसभा में किया गया बिल पारित
लोकसभा ने इस सप्ताह की शुरुआत में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया। इसमें कर अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती के दौरान खोजी गई अघोषित संपत्ति पर 85% कर और जुर्माने का प्रावधान है। संशोधित कानून के दायरे में गहनों को भी शामिल किए जाने संबंधी अफवाहों को दूर करते हुए सीबीडीटी ने कहा कि सरकार ने आभूषण पर कर लगाने के संदर्भ में कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा है।

गोल्ड पर दी गई यह छूट
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आयकर विभाग द्वारा तलाशी अभियान के दौरान अगर विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तथा परिवार के प्रत्येक पुरुष के पास यदि 100 ग्राम सोना और गहने पाए जाते हैं तो वे जब्त नहीं होंगे। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि ‘किसी भी सीमा तक कानूनी रूप से वैध आभूषणों को रखने पर कोई कर नहीं लगेगा और यह पूरी तरह सुरक्षित है।’

आयकर अधिकारी लगा सकता है अतिरिक्त जुर्माना
विधेयक फिलहाल राज्यसभा में विचाराधीन है। इसमें आयकर कानून की धारा 115 बीबीई में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसके तहत कालाधन रखने वालों पर 60% की ऊंची दर से कर तथा उस पर 25% अधिशूल्क (कुल 75%) लगेगा। इसमें एक और प्रावधान शामिल किया गया है जिसके तहत आयकर अधिकारी को अगर लगता है कि अघोषित आय कालाधन है, वह 10 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगा सकता है। इस प्रकार, कुल शुल्क 85 प्रतिशत होगा।

सीबीडीटी ने कहा, ‘धारा 115 बीबीई के तहत कर की दर अघोषित आय पर ही बढ़ाने का प्रस्ताव है क्योंकि ऐसी रिपोर्ट है कि कर चूककर्ता अपनी अघोषित आय को व्यापार आय के रूप में आय रिटर्न या अन्य स्रोत से आय दिखाने की कोशिश में लगे हैं।’ उसने कहा, ‘धारा 115बीबीई के प्रावधान मुख्य रूप से उन मामलों में लागू होंगे जहां संपत्ति या नकद आदि को अघोषित नकद या संपत्ति घोषित की जाती है या इसे अप्रमाणिक व्यापार आय के रूप में छिपा कर रखा जाता है और आयकर अधिकारी इसका पता लगाता है।

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