Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Sep, 2020 05:06 PM
ई-वे बिल को लेकर अच्छी खबर है। अब एक महीने तक की अवधि तक के ई-वे बिल केवल एक क्लिक पर डाउनलोड किए जा सकते हैं। यह सुविधा ई-वे बिल पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है, जो राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा संचालित की जाती है।
नई दिल्लीः ई-वे बिल को लेकर अच्छी खबर है। अब एक महीने तक की अवधि तक के ई-वे बिल केवल एक क्लिक पर डाउनलोड किए जा सकते हैं। यह सुविधा ई-वे बिल पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है, जो राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा संचालित की जाती है। इससे पहले, करदाताओं और ट्रांसपोर्टरों को एक बार में 5 दिन की सीमित अवधि के ही ई-वे बिल डाउनलोड करने की सुविधा थी। इस कारण उन्हें कई कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थीं। करदाताओं को एक महीने में कई बार E-way बिल डाउनलोड करना होता है, इसलिए कई करदाताओ ने ई-वे बिल डाउनलोड करने के लिए समयावधि को बढ़ाने की सलाह दी थी। ई-वे बिल एक डॉक्यूमेंट है जो कि माल के आवागमन के लिए जेनरेट किया जाता है।
जीएसटीएन ने आज एक बयान में कहा कि करदाताओं की मांग को ध्यान में रखते हुए इस प्रणाली को बेहतर किया गया है, जिसके बाद अब वे एक बार में एक महीने तक का ई-वे बिल डाउनलोड कर सकेंगे। करदाता ई-वे बिल को एक्सेल फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं। यह सुविधा वर्तमान में रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच उपलब्ध होगी जिससे ई-वे प्रणाली पर अपने अन्य दैनिक कार्यों के वहन के दौरान दबाव न पड़े।
कैसे करें ई-वे बिल डाउनलोड
ट्रांसपोर्टर ई-वे बिल डाउनलोड करने के लिए उसी पाथ का इस्तेमाल कर सकते हैं जो वो पहले किया करते थे। ई-वे बिल पोर्टल पर जाएं।
https://ewaybillgst.gov.in/ पर लॉग इन क्रेडेन्शियल्स भरें। इसके बाद रिपोर्ट्स टैब पर जाएं। माई ई-वे बिल रिपोर्ट से ई-वे बिल डाउनलोड करें। अंतर्राज्यीय आवागमन के लिए, अगर वस्तुओं का मूल्य 50,000 रुपयों से अधिक है, तो ई-वे बिल जेनेरेट करना एक पंजीकृत जीएसटी करदाता के लिए जरूरी है। एक ही राज्य में माल के आवागमन के लिए यह सीमा राज्यों के अनुसार अलग-अलग होती है।
गौरतलब है कि ई-वे बिल प्रणाली अप्रैल 2018 से सुचारू रूप से सेवा में है और प्रति माह 5 करोड़ से अधिक की दर से ई-वे बिल जेनरेट हो रहे हैं। अप्रैल-मई 2020 के माह में हुए लॉकडाउन के दौरान ई-वे बिल जेनरेशन में भारी गिरावट दर्ज की गई थी जो कि वस्तुओं की आवाजाही में आई कमी को दर्शाता है। परन्तु, जून-2020 से ई-वे बिल जेनेरेशन की संख्या में एक निरंतर बढ़त देखी गई जिससे इस महीने यह वापस अपने सामान्य दर पर पहुच गई है।