Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Feb, 2024 04:37 PM
जीएसटी परिषद जल्द ही यह स्पष्ट कर सकती है कि रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। एक अधिकारी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र का नियामक रेरा संविधान के अनुच्छेद 243जी के अंतर्गत आता है,...
नई दिल्लीः जीएसटी परिषद जल्द ही यह स्पष्ट कर सकती है कि रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। एक अधिकारी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र का नियामक रेरा संविधान के अनुच्छेद 243जी के अंतर्गत आता है, जो पंचायतों की शक्तियों, अधिकार और जिम्मेदारियों से संबंधित है। रियल एस्टेट परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और विवादों शीघ्र निपटान के लिए एक निर्णय तंत्र के रूप में विभिन्न राज्यों में रेरा की स्थापना की गई है।
अधिकारी ने कहा कि रेरा के अधिकारियों के साथ उनके कामकाज की प्रकृति के बारे में चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि उनपर जीएसटी लागू नहीं होगा। अधिकारी ने आगे कहा कि रेरा को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा वित्तपोषित किया जाता है और इसलिए जीएसटी लगाने का मतलब राज्य सरकारों पर कर लगाना होगा। अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता और राज्यों के मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद की बैठक हो सकती है। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक सात अक्टूबर 2023 को हुई थी।