सरकार ने मसाला कंपनियों को दी सुधार की हिदायत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2024 10:36 AM

government became strict on spices exported from india issued these guidelines

भारत से निर्यात किए जाने वाले मसालों को लेकर कुछ समय से खबरें आ रही हैं और कई देशों ने भारत के मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) के होने का आरोप लगाकर एक्शन लिया है। ईटीओ एक कैंसर कॉजिंग कैमिकल है जिसके भारतीय मसालों में मिले होने के आरोपों के कारण...

बिजनेस डेस्कः एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) के मसालों पर विदेश में विवाद उठने के कुछ हफ्तों बाद सरकार ने दोनों कंपनियों को पत्र लिखकर सुधार के उपाय करने की हिदायत दी है। सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में इन कंपनियों के मसालों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड (ETO) की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक बताई गई थी और उन्हें वापस भेज दिया गया था। दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच करने के लिए भारतीय मसाला बोर्ड ने दोनों कंपनियों के सभी मसालों के नमूनों का परीक्षण शुरू कर दिया है।

उन्होंने बताया कि दोनों कंपनियों के कारखानों का मुआयना भी किया जा रहा है ताकि पक्का हो जाए कि मसालों का उत्पादन एवं निर्यात निर्धारित मानकों के अनुरूप हो रहा है। कंपनियों से यह भी पूछा गया है कि मसाले वापस क्यों मंगाने पड़े। इस बारे में जानकारी के लिए एमडीएच और एवरेस्ट स्पाइसेज को ई-मेल भेजे गए, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

मुआयने में देखा जा रहा है कि कंपनी ने एथिलीन ऑक्साइड के अवशेष की अधिकतम सीमा का पालन किया या नहीं। यह भी देखा जा रहा है कि निर्यात वाले मसालों का भंडारण, ढुलाई और परीक्षण किस तरह किया जा रहा है। एक अ​धिकारी ने कहा, ‘हमने दोनों कंपनियों के नमूने जांच लिए हैं। हम कंपनियों के साथ ​काम कर रहे हैं और उन्हें सुधार के कदम उठाने को कहा है। हमने जांच के लिए नमूने लेने के साथ ही कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं। साथ ही हम उनके साथ मिलकर सभी नियमों का पालन सुनिश्चित कर रहे हैं।’

ईटीओ के लिए अलग-अलग देशों में अलग मानदंड

एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग खाद्य उद्योग में अक्सर बैक्टीरिया, खमीर एवं फफूंद को कम करने के लिए किया जाता है। लेकिन खाद्य पदार्थों में इसकी मात्रा की स्वीकार्य सीमा हर देश में अलग-अलग है। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ में 1 किलोग्राम खाद्य पदार्थ में अधिकतम 0.02 से 0.1 मिलीग्राम एथिलीन ऑक्साइड रह सकता है। मगर अमेरिका और कनाडा में यह सीमा 7 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम है।

हॉन्ग कॉन्ग में खाद्य पदार्थों में एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल प्रतिबंधित है मगर भारत में इसके लिए कोई खास सीमा तय नहीं की गई है। पता चला है कि ये मसाले उन देशों के लिए थे, जहां एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग स्वीकार्य है। मगर गलती से वह खेप हॉन्ग कॉन्ग भेज दी गई थी। एक अ​धिकारी ने बताया कि खाद्य वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल के मामले में कंपनियों के साथ तीन दौर की बातचीत हो चुकी है।

ग्लोबल मसाला एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी

अधिकारी ने कहा, "भोजन में ईटीओ अवशेषों और 2-सीई की उपस्थिति का असर कोई सुलझा हुआ मुद्दा नहीं है।" अधिकारी ने कहा, "भारतीय भोजन वैश्विक मानदंडों के अनुरूप है और हमारी अस्वीकृति दर बहुत कम है। भारतीय खाद्य खेपों पर अलर्ट में भारी गिरावट आई है और उस दिशा में बहुत काम किया गया है।" वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत का मसाला निर्यात 2022-23 के 3.7 अरब के मुकाबले कुल 4.25 अरब डॉलर का रहा था। ग्लोबल मसाला एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 12 फीसदी है। भारत से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख मसालों में मिर्च पाउडर शामिल है, जो 1.3 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर स्थान पर है।

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