Air India के कर्ज मामले में लचीला रुख अपना सकती है सरकार: दीपक सचिव

Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Oct, 2020 12:13 PM

government can adopt flexible approach in air india s debt

एयर इंडिया के निजीकरण की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार इस विमानन कंपनी के संभावित निवेशकों को कंपनी के भारी-भरकम कर्ज को लेकर शर्तों में कुछ लचीलापन लाने की योजना पर काम कर रही है।

नई दिल्ली: एयर इंडिया के निजीकरण की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार इस विमानन कंपनी के संभावित निवेशकों को कंपनी के भारी-भरकम कर्ज को लेकर शर्तों में कुछ लचीलापन लाने की योजना पर काम कर रही है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि संभावित निवेशकों के लिये एयर इंडिया के 60,074 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में कुछ लचीला रुख अपनाया जा सकता है।

मौजूदा शर्त यह है कि खरीदार को एयरलाइन का एक-तिहाई से अधिक कर्ज अपने ऊपर लेना होगा जबकि शेष को विशेष इकाई (एसपीवी) को स्थानांतरित किया जाएगा। पांडे ने कहा कि एयर इंडिया के संभावित निवेशकों की ओर से यह कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से विमानन क्षेत्र में जो अनिश्चितता पैदा हुई है उसके चलते ऋण को रुचि पत्र (ईओआई) के चरण में ही तय नहीं किया जाना चाहिए।

दीपम द्वारा जनवरी में निकाले गए ईओआई के अनुसार, एयर इंडिया पर 31 मार्च, 2019 तक 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज था। एयरलाइन के खरीदार को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपये का कर्ज लेना होगा। शेष कर्ज को विशेष इकाई एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लि.(एआईएएचएल) को स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार की योजना राष्ट्रीय विमानन कंपनी में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की है। इसमें एयर इंडिया की एयर इंडिया एक्सप्रेस लि. में 100 प्रतिशत और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है।

पांडे ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा एयर इंडिया के मामले में हम ऋण के संदर्भ में निवेशकों के मुद्दे को हल करने का प्रयास करेंगे। हम देखेंगे क्या कम से कम ईओआई के चरण में इसमें कुछ छूट दी जा सकती है तथा क्या ऋण को बाजार के जरिये तय किया जा सकता है। हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया विशेष वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) में इस पर फैसला लिया जाएगा। यदि प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) में कुछ बदलाव होता है, तो संभावित निवेशकों को अपने सवालों के लिए कुछ समय दिया जाएगा।

पांडे ने कहा कि कोविड-19 की वजह से विमानन क्षेत्र में काफी अनिश्चितता है और उसी के अनुरूप हम इस सौदे का ढांचा बनाएंगे। हम सब कुछ ईओआई के चरण में तय करने का प्रयास नहीं करेंगे। हमें इसी तरह की प्रतिक्रिया मिली है। एक विचार यह है कि बाजार के जरिये यह तय हो और हम शुरुआत में ही इसे निर्धारित नहीं करें। उन्होंने कहा कि एआईएसएएम इस बात पर अंतिम फैसला करेगा कि एयर इंडिया के लिए बोली इक्विटी मूल्य के हिसाब से हो या उपक्रम के मूल्य के हिसाब से। पांडे ने कहा, ‘हम मुद्दे का परीक्षण कर रहे हैं और एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा इस संबंध में जल्द फैसला लिया जायेगा।’

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