Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jan, 2019 10:49 AM
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश को लागू करने की समयसीमा को एक फरवरी से आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश को लागू करने की समयसीमा को एक फरवरी से आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। अमेजॉन और वॉलमार्ट की स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट ने संशोधित नियमों के अनुपालन के लिए दी गई एक फरवरी की समयसीमा को आगे बढ़ाने का आग्रह किया था। कंपनियों ने कहा था कि नियमों की विवरण को समझने के लिए उन्हें कुछ और समय चाहिए। अमेजॉन ने समयसीमा को एक जून तक बढ़ाने और फ्लिपकार्ट ने छह महीने के लिए बढ़ाने को कहा था।
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा, 'मंत्रालय में अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की ओर से और समय की मांग की गई है। आंतरिक स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है लेकिन वाणिज्य मंत्रालय समयसीमा को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।' सरकार ने 26 दिसंबर 2018 को फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को उन कंपनियों के उत्पाद एक तय मात्रा से अधिक बेचने से रोक लगा दी जिनमें उनकी खुद की हिस्सेदारी है। नए नियम के तहत कोई भी विक्रेता एक ही मार्किटप्लेस के तहत बेचे जाने वाली समूह की कंपनियों से 25 प्रतिशत से अधिक उत्पाद नहीं खरीद सकता है।