Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 01:04 PM
सरकार जैव प्रौद्योगिकी उद्योग के 2025 तक 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद कर रही है।
नई दिल्ली: सरकार जैव प्रौद्योगिकी उद्योग के 2025 तक 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद कर रही है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर भारत को वैश्विक स्तर के जैव विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत क्षेत्र की उपलब्धि रिपोर्ट के मुताबिक जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र फिलहाल 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है और 2017 तक इसके 11.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार भारत को वैश्विक स्तर पर जैव विनिर्माण केंद्र के विकास के लिये अनुसंधान एवं विकास पर विशेष जोर के साथ मानव पूंजी और बुनियादी ढांचा में उल्लेखनीय निवेश कर रही है। भारतीय जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को 2025 तक 100 अरब डॉलर पहुंचाने पर जोर है।’’ क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2016-17 के बजट में कई कर प्रोत्साहन दिए। अनुमानित कर प्रोत्साहन योजना की धारा 44एडी के तहत कारोबार सीमा एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए किया गया। इसके अलावा एक मार्च 2016 के बाद गठित विनिर्माण कंपनियों को कुछ शर्तों को पूरा करने पर 25 प्रतिशत कर जमा अधिभार तथा उपकर देने का विकल्प दिया जाएगा।