Edited By Isha,Updated: 23 Jan, 2019 04:15 PM
अगर आप टू-वीलर खरीदने की सोच रहे है तो आपको ये खबर आपके लिए अहम हो सकती है दरअसल सरकार पेट्रोल से चलने वाले स्कूटरों और मोटरसाइकलों पर ''ग्रीन सेस'' लगाने पर विचार कर रही है। इस सेस से हासिल रकम से इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
बिजनेस डेस्कः अगर आप टू-वीलर खरीदने की सोच रहे है तो आपको ये खबर आपके लिए अहम हो सकती है दरअसल सरकार पेट्रोल से चलने वाले स्कूटरों और मोटरसाइकलों पर 'ग्रीन सेस' लगाने पर विचार कर रही है। इस सेस से हासिल रकम से इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
1000 रूपए महंगे हो जाएंगे टू-वीलर्स
प्रस्ताव के मुताबिक, 800-1000 रुपये का ग्रीन सेस पेट्रोल से चलने वाले टू-वीलर्स पर लगाया जा सकता है ताकि अगले दो-तीन वर्षों में दस लाख इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स को सड़कों पर उतारने की खातिर इंसेंटिव दिए जा सकें। मामले से वाकिफ एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'अभी पेट्रोल और इलेक्ट्रिक टू-वीलर के दाम में 55000-60000 रुपये का अंतर है। इस गैप को जितना हो सके, कम करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर सेस लगाया जा सकता है। इस इनसेंटिव से इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, क्रूड ऑयल का आयात और गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण बढ़ने से जुड़ी चिंता भी घटेगी।
हीरो, बजाज और टीवीएस ने रखी ये डिमांड
इधर टू-वीलर्स पर 'ग्रीन सेस' के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है, उधर हीरो मोटोकॉर्प के सीएमडी पवन मुंजाल, बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज, टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन जैसे लोग मोटरसाइकलों और स्कूटरों पर जीएसटी घटाने की मांग कर चुके हैं। सेफ्टी नॉर्म्स का स्तर बढ़ाए जाने और बीएस VI एमिशन नॉर्म्स अपनाने के कारण इन टू-वीलर्स का दाम जल्द बढ़ेगा। अधिकारी ने बताया, 'टैक्स स्ट्रक्चर को लेकर कोई मसला हो, तो उस पर अलग से विचार किया जाएगा। ग्रीन सेस के कारण दाम बढ़ने से इंक्रीमेंटल ग्रोथ कुछ कम हो सकती है। ग्रोथ में उस नरमी की भरपाई इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स की बिक्री से की जा सकती है हालांकि अगर 10 लाख इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स की योजना पर अभी अमल नहीं किया जाएगा तो उसके बाद के 40 लाख को कभी सड़क पर उतारा नहीं जा सकेगा, सप्लाई चेन भी नहीं बन पाएगी।' साल 2018 में टू-वीलर्स की बिक्री 12.6 प्रतिशत बढ़कर 2.16 करोड़ यूनिट रही थी।